तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसदों ने  पैसों के बदले सवाल मामले पर संसद की एथिक्स कमेटी की बैठक से वॉकआउट किया और मीटिंग में पूछे गए प्रश्नों पर सवाल उठाया। विपक्षी सांसदों ने कहा कि कमेटी ने मोइत्रा से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछे और एक सांसद ने तो बैठक की जानकारी तभी मीडिया को लीक कर दी, जब बैठक चल रही थी। बैठक से बाहर आने के बाद महुआ ने कहा, ”यह किस तरह की बैठक थी? वे हर तरह के गंदे सवाल पूछ रहे हैं।” बैठक से बाहर आए बसपा सांसद दानिश अली ने दावा किया कि मीटिंग में महुआ मोइत्रा से सवाल किया गया कि वे रात में किससे बात करती हैं। दानिश अली ने कहा, ”हमने वॉकआउट इसलिए किया है कि रात में किससे बात करती हो, क्या बात करती हो, क्या ये सब चेयरमैन पूछेंगे?”

तृणमूल कांग्रेस की सांसद और विपक्षी सांसद आगबबूला होकर एथिक्स कमेटी की बैठक से बाहर निकलते हुए दिखाई दिए। इस दौरान, सभी काफी नाराज नजर आए और महुआ मीडिया के कैमरों के सामने भड़कते हुए दिखीं। विपक्षी सांसदों में बसपा के दानिश अली भी थे। महुआ मोइत्रा ने कहा, ”वे कुछ भी कह रहे हैं। कुछ भी बकवास कर रहे हैं। तुम्हारी आंखों में आंसू हैं। क्या मेरी आंखों में आंसू हैं, आपको आंसू दिख रहे हैं?” वहीं, जब एक पत्रकार ने पूछा कि वे बैठक से क्यों आ गए तो एक अन्य विपक्षी सांसद ने कहा, “बहुत ज्यादा हो गया।”

कांग्रेस सांसद और कमेटी के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बैठक से बहिर्गमन करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “हमें आचार समिति के अध्यक्ष द्वारा मोइत्रा से पूछे गए सवाल अशोभनीय और अनैतिक लगे।” सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि यह आरोप वकील जय अनंत देहाद्रई की दुश्मनी से प्रेरित है, क्योंकि उन्होंने उनके साथ अपने व्यक्तिगत संबंध तोड़ दिए थे।

बैठक में महुआ मोइत्रा रेड्डी और बसपा के दानिश अली सहित कुछ विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला, जबकि वीडी शर्मा सहित कुछ भाजपा सदस्य चाहते थे कि वह आरोपों के मूल भाग का जवाब दें और व्यक्तिगत संबंधों के बारे में न बताएं। सूत्रों ने कहा कि आचार समिति के समक्ष मोइत्रा के बयान का एक बड़ा हिस्सा देहाद्रई के साथ उनके संबंधों के बारे में था क्योंकि वह कुछ बातों के लीक होने और आरोपों के लिए उन्हें दोषी ठहराती दिखाई दीं।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश हुई थीं। भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने मोइत्रा को इस मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था। इस मामले के संदर्भ में वकील जय अनंत देहाद्रई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज करवाए थे।

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भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे। उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने आरोपों को ‘ठुकराए हुए पूर्व प्रेमी’ का झूठ करार देते हुए खारिज कर दिया है।

बैठक के बाद विपक्षी सांसद बैठक से गुस्से से बाहर निकले। उन्होंने महिला से अनैतिक सवाल करने के आरोप लगाए। बीएसपी सांसद दानिश अली ने कहा कि आचार समिति की तरफ से सवाल पूछ जा रहे थे कि रात में किससे बात करती हो। क्या बात करती हो। यह महिला से सवाल पूछने का तरीका है।

महुआ मोइत्रा ने खड़ा किया हंगामा

बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि संसदीय स्थायी समिति की कार्यवाही स्वभाव से गोपनीय होती है। उन्होंने (टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा) जो किया वह गलत था। वे सभी बाहर आए और उन्होंने समिति के बारे में बातें कहीं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। ये बातें बहुत गोपनीय हैं। महुआ मोइत्रा का व्यवहार बहुत गलत था। उन्होंने हमारे अध्यक्ष और समिति के सभी सदस्यों के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया। समिति की अध्यक्ष हीरानंदानी से हलफनामे की सामग्री के संबंध में सवाल पूछ रही थीं। वह उनका जवाब नहीं देना चाहती थीं। उसके बाद हंगामा खड़ा कर दिया।

‘पर्सनल लाइफ को मुद्दा बनाया जा रहा’

आपको बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा आज कैश फॉर क्वेरी केस में संसद की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं. महुआ 11 बजे संसद पहुंचीं. एथिक्स कमेटी ने 2 घंटे तक आईटी, विदेश और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट्स की जांच के बाद महुआ को पूछताछ के लिए बुलाया. महुआ ने डेढ़ घंटे तक कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके पर्सनल लाइफ को मुद्दा बनाया जा रहा है. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया।

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कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि, ‘हमें एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष द्वारा मोइत्रा से पूछे गए सवाल अशोभनीय और अनैतिक लगे.’

‘व्यक्तिगत दुश्मनी से प्रेरित हैं वकील के आरोप’

महुआ मोइत्रा ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर खुद को निर्दोष बताया और संसदीय समिति को बताया कि यह आरोप वकील जय अनंत देहाद्राई की दुश्मनी से प्रेरित है, क्योंकि उन्होंने उनके साथ अपने व्यक्तिगत संबंध तोड़ दिए थे।

‘बिजनेसमैन को शेयर किया संसदीय लॉगिन आईडी और पासवर्ड’

पूछताछ के दौरान ही महुआ मोइत्रा ने संसद में पैसों के बदले सवाल पूछने के आरोपों का खंडन किया है. हालांकि, उन्होंने यह माना कि उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगिन साझा किया था. इन सबके बीच मामले से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि महुआ के संसदीय अकाउंट को दुबई से लगभग 47 बार लॉग इन किया गया था।

एथिक्स कमेटी ने महुआ के रवैये पर उठाए सवाल

महुआ के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद और एथिक्स कमेटी की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि चेरयमेन साहब ने हीरानंदानी के एफिडेफिट पर ही सवाल किए. उन्होंने बहुत दायरे में रहकर सवाल पूछे लेकिन महुआ मोइत्रा गुस्से में आ गईं. उनका रवैया बहुत एग्रेसिव, रूड, डिफेंसिव और एरोगेंट था. महुआ मोइत्रा ने असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया।

भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि संसदीय स्थायी समिति की कार्यवाही गोपनीय होती है. इसलिए उन्होंने (टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा) जो किया वह गलत था. वे सभी बाहर आए और उन्होंने समिति के बारे में, समिति के भीतर चल रही गतिविधियों के बारे में बातें कहीं. यह सब उन्हें बाहर नहीं कहना चाहिए था. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. ये बातें बहुत गोपनीय हैं।

भाजपा नेता ने कहा, महुआ मोइत्रा का आचरण निंदनीय था. उन्होंने हमारे अध्यक्ष और समिति के सभी सदस्यों के लिए असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया. उनसे जब समिति के अध्यक्ष ने हीरानंदानी से हलफनामे से जुड़े सवाल पूछे तो वो उनका जवाब नहीं देना चाहती थीं और फिर उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया।

एथिक्स कमेटी में कौन-कौन है?

बता दें कि एथिक्स कमेटी में बीजेपी सांसद विनोद सोनकर हैं जो कि इस कमेटी के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा बीजेपी से अनिन्या दुग्गल, विष्णु दत्त शर्मा, राजदीप रॉय, सुमेधानंद सरस्वती, सुभाष भामरे, अपराजिता सारंगी हैं. वहीं कांग्रेस से प्रनीत कौर, उत्तम कुमार रेड्डी, वैथिलिंगम वे हैं. इसके अलावा शिवसेना से पहलवान तुकाराम गोडसे, बीएसपी से दानिश अली, जदयू से गिरिधारी यादव, सीपीएम से पी आर नटराजन और वाईएसआर कांग्रेस से बालाशोरि वल्लभनेनी शामिल हैं। (एएमएपी)