छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 20 सीटों और मिजोरम की सभी 40 सीटों पर चुनाव प्रचार रविवार शाम को थम गया। इन दोनों राज्यों में मंगलवार, 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि मतगणना 3 दिसंबर को होगी। छत्तीसगढ़ में शेष 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव के लिए मिजोरम-म्यांमार और बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि मिजोरम में दुर्गम पहाड़ों पर मतदाताओं की बड़ी आबादी होने के कारण राज्य में 7 हजार से अधिक लोगों के लिए गृह मतदान की व्यवस्था की गई है। इनके लिए जहां डाक से मतपत्र भेजे जाने की व्यवस्था की जा चुकी है। इसके अलावा अन्य कई दूर-दराज के इलाकों के लिए गृह मतदान की भी व्यवस्था की गई है। राज्य के सभी संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों के तैनाती की गई है, ताकि स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हो सके। दूरदराज के इलाकों में पहले ही पोलिंग ऑफिसर तथा प्रजाइडिंग ऑफिसर मतदान केद्रों पर पहुंच चुके हैं।

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की 12 और राजनंदगांव क्षेत्र की 8 सीटों पर मंगलवार को वोट डाले जाएंगे। 20 सीटों में से 10 पर सुबह सात बजे से दोपहर 3 बजे तक जबकि शेष 10 सीटों पर सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। पहले चरण की 20 सीटों पर कुल 223 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा में है। पहले चरण में 40 लाख 78 हजार 681 मतदाता 5304 केंद्रों पर मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। प्रचार के दौरान पीएम मोदी समेत भाजपा ने सट्टेबाजी एप घपले के बहाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कांग्रेस पर निशाना साधा तो कांग्रेस ने अपनी गारंटी और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को मुख्य मुद्दा बनाया।

मिजोरम

वहीं, मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों के लिए 1276 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। राज्य के 8,51,895 मतदाता 174 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट, जोरम पीपुल्स मूवमेंट, कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है। मिजो, जोरम और कांग्रेस ने सभी 40 जबकि भाजपा ने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। आम आदमी पार्टी ने भी राज्य में चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। चुनाव में मणिपुर हिंसा का भी असर देखने को मिलेगा। (एएमएपी)