मिजोरम में 76, छत्तीसगढ़ में 71 प्रतिशत हुआ मतदान
मिजोरम की सभी 40 और छत्तीसगढ़ की प्रथम चरण की 20 सीटों पर मंगलवार को छिटपुट घटनाओं के बीच मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बने 126 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर चुनावी उत्सव में भाग लिया। शाम 5:00 बजे तक मिजोरम में 75.80 और छत्तीसगढ़ में 70.87 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदाता प्रतिशत अंतिम आंकड़ों में बढ़ सकता है।चुनाव आयोग के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्तों अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल सहित आयोग द्वारा अग्रिम योजना और व्यापक निगरानी ने मिजोरम और छत्तीसगढ़ में स्वतंत्र, निष्पक्ष और बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित किया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट विधान में सुबह 8:00 बजे से 5:00 बजे तक मतदान हुआ। विधानसभा क्षेत्र – मोहला मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा में सुबह 7:00 से शाम 3:00 बजे तक मतदान हुआ।
छत्तीसगढ़ के दुर्गम एवं संवेदनशील मतदान केंद्रों पर 156 मतदान दलों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से मतदान केंद्रों तक पहुंचाया गया। मतदान के बाद उन्हें हेलीकॉप्टर के माध्यम से ही वापस ले जाया गया।
#WATCH | After the conclusion of polling in Mizoram, Aizawl Deputy Commissioner Nazuk Kumar says, ” We have 12 strong rooms where we will be keeping the EVMs and the strictest security measures will be taken as per the protocols of the Election Commission…” pic.twitter.com/xYbwrUarn9
— ANI (@ANI) November 7, 2023
छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के 126 गांवों के निवासियों ने खुशी मनाई, क्योंकि आजादी के बाद से 7 वामपंथी उग्रवादी (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में उनके गांवों में पहली बार मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। मतदान केंद्रों ने इन गांवों में मतदाताओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर कर दिया, क्योंकि अब उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए घने जंगलों, पहाड़ियों, नदियों के माध्यम से लंबी यात्राएं नहीं करनी पड़तीं और वामपंथी उग्रवाद से उत्पन्न खतरों का सामना नहीं करना पड़ता। नए मतदान केंद्र ईसीआई मानदंडों के अनुरूप थे, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मतदाता को वोट देने के लिए 2 किलोमीटर के दायरे से आगे नहीं जाना पड़े।
कुल मिलाकर, मिजोरम में 8,52,088 मतदाता पंजीकृत थे, जबकि छत्तीसगढ़ में चुनाव के पहले चरण में 40,78,680 मतदाताओं ने पंजीकरण कराया था। मिजोरम और छत्तीसगढ़ में मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए क्रमशः 1,276 मतदान केंद्र और 5,304 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। मिजोरम में कुल 174 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं जबकि छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के लिए यह आंकड़ा 223 है।
छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक अनोखी पहल में, पखांजूर क्षेत्र में एक रेनबो मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किया गया था। जहां थर्ड जेंडर वर्ग के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। मतदान केंद्र पर थर्ड जेंडर के सुरक्षाकर्मी भी थे, जिससे विश्वास पैदा हुआ। (एएमएपी)