आईएनएस विक्रांत के लिए विमान परियोजना को केंद्र से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ी
दुबई एयर शो में पहली बार भारत के ट्विन इंजन डेक आधारित फाइटर (टीईडीबीएफ) का प्रभावशाली मॉडल पेश किया गया है। इसके बाद भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस विक्रांत पर तैनात होने वाले इस विमान की परियोजना को केन्द्रीय कैबिनेट से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। रक्षा मंत्रालय नौसेना के लिए लड़ाकू विमानों के चार प्रोटोटाइप के विकास के लिए 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट को मंजूरी दे सकता है।दुबई में 13 नवम्बर से शुरू हुए एयर शो में वायु सेना सारंग डिस्प्ले टीम और लड़ाकू विमानों के साथ भारत की आसमानी ताकत का प्रदर्शन कर रही है। दुबई एयर शो में अविश्वसनीय एरोबेटिक और युद्धाभ्यास करते हुए भारत का लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस अपने अंदाज में दुबई के लोगों और दुबई एयरशो के आगंतुकों को नमस्ते कह रहे हैं। इस मौके पर यहां लगाई गई प्रदर्शनी में भी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एलसीए तेजस को अपने स्टॉल में प्रदर्शित किया है। एलसीए की आसमानी ताकत देखकर कई देश तेजस के प्रति आकर्षित होकर अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
Behold the magnificent showcase of Dubai Airshow’s Static Display from a unique aerial perspective of a helicopter! 🚁 This captivating view from above showcases an impressive lineup of some of the world’s most advanced aircraft coming from aviation’s biggest names! pic.twitter.com/DWuNTF4wK5
— Dubai Airshow (@DubaiAirshow) November 15, 2023
इसी के साथ भारत ने दुबई एयर शो में पहली बार स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस विक्रांत पर तैनात होने वाले ट्विन इंजन डेक आधारित फाइटर (टीईडीबीएफ) का प्रभावशाली मॉडल पेश किया है। अभी तक नौसेना के लिए इस फाइटर जेट की परियोजना सिर्फ फाइलों में ही चल रही है, लेकिन अब इस विमान की परियोजना को केन्द्रीय कैबिनेट से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। रक्षा मंत्रालय दो इंजन वाले डेक-आधारित लड़ाकू विमानों के चार प्रोटोटाइप के विकास के लिए 14,000 करोड़ रुपये से अधिक के बजट को मंजूरी दे सकता है।
रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (डीआरडीओ) के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने नौसैनिक लड़ाकू विमान के लिए डिजाइन तैयार की है। इसी डिजाइन के मुताबिक़ एचएएल विमान के चार प्रोटोटाइप तैयार करेगा। नौसेना ने आईएनएस विक्रांत पर तैनात करने के लिए लगभग 60 विमानों की जरूरत बताई है। नौसेना इस परियोजना पर डीआरडीओ और वैमानिकी विकास एजेंसी के साथ काम कर रही है। टीईडीबीएफ का पहला प्रोटोटाइप 2026 के आसपास तैयार होने की संभावना है और इसका उत्पादन 2032 तक शुरू हो सकता है।
भारतीय नौसेना 43 पुराने रूसी फाइटर जेट मिग-29के और मिग-29के यूबी को अपने बेड़े से हटाना चाहती है। फिलहाल नौसेना के लिए टीईडीबीएफ का विकास अभी भी एक दशक दूर है, इसलिए नौसेना विकल्प के तौर पर फ़्रांस से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान खरीदने के लिए बातचीत आगे बढ़ा रही है। नौसेना का मानना है कि राफेल-एम फिलहाल उसकी जरूरतों को काफी बेहतर तरीके से पूरा कर सकता है। इसके बाद भारतीय नौसेना की जरूरत पूरी करने के लिए एक ऐसा फाइटर जेट देश में बनने जा रहा है, जिसके आने से निगरानी, सर्विलांस, जासूसी और घातक हमला करना आसान हो जाएगा।
Every day at Dubai Airshow is a sky spectacle as we witness breathtaking performances from the world’s best aerial teams like Fursan Al Emarat, Frecce Tricolori, August 1st, and Sarang show off their incredible aerial artistry at the Flying Display 🛫 pic.twitter.com/a2vVoSvyvx
— Dubai Airshow (@DubaiAirshow) November 15, 2023
टीईडीबीएफ को एलसीए तेजस फाइटर जेट के प्लेटफॉर्म पर बनाया जाएगा, जिसमें जनरल इलेक्ट्रिक के एफ-414 इंजन लगे होंगे। यह इंजन शुरुआत में 58.5 किलोन्यूटन की ताकत देंगे, लेकिन बाद में ये बढ़कर 98 किलोन्यूटन हो जाएगा। इस फाइटर जेट को एक ही पायलट उड़ाएगा, जिसकी लंबाई 53.6 फीट और विंगस्पैन 36.9 फीट होगी। विंग्स को फोल्ड करने के बाद विंगस्पैन 24.11 फीट होगी। जेट का अधिकतम टेक ऑफ वजन 26 हजार किलोग्राम होने की उम्मीद है, जिसे बाद में बदला भी जा सकता है। यह फाइटर जेट अधिकतम 1975 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ेगा और अधिकतम 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा पाएगा।
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इस फाइटर जेट में 11 हार्ड प्वाइंट्स होंगे, यानी इतने अलग-अलग हथियार लगाए जा सकेंगे। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस-एनजी, अस्त्र-मार्क-1 और अस्त्र मार्क-2 मिसाइलें लगाई जाएंगी। इसके अलावा मध्यम रेंज की नेवल एंटी-शिप मिसाइलें लगाई जाएंगी। इसके अलावा रुद्रम-1 एंटी-रेडिएशन मिसाइल लगाई जाएगी। टीईडीबीएफ फाइटर जेट का इस्तेमाल कॉम्बैट एयर पेट्रोल, डेक लॉन्च इंटरसेप्शन, एयर टू एयर कॉम्बैट, एंटी-शिप स्ट्राइक, मैरीटाइम स्ट्राइक, लैंट अटैक स्ट्राइक, एस्कॉर्ट जैमिंग और बडी रिफ्यूलिंग जैसे मिशन या ऑपरेशंस के लिए किया जा सकता है। (एएमएपी)