यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में तकरीबन 41 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन आज सातवें दिन भी जारी है। इसी के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन दल ने टनल में फंसे लोगों की परिजनों से बात करवाई तो दोनों तरफ खुशी के आंसू झलक गए। लेकिन, चिंता की बात है कि 150 घंटे गुजर जाने के बाद भी सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर नहीं निकाला जा सका है। लोग टनल के अंदर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। उनके परिजनों को भी चिंता सता रही है।
#WATCH | Uttarakhand | Uttarkashi tunnel rescue: A tree cutter has been called by the Forest Department to the Silkyara Tunnel to reach the workers trapped in the tunnel. The administration is now considering an alternative way to reach the workers through vertical drilling from… pic.twitter.com/SK32Aq5LNW
— ANI (@ANI) November 18, 2023
उत्तरकाशी सिलक्या सुरंग में 40 नहीं 41 श्रमिक फंसे
उत्तरकाशी सिलक्या सुरंग में 40 नहीं 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। कंपनी की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सात दिन बाद इस बात की जानकारी मिली है। 41 वें श्रमिक की पहचान बिहार मुजफ्फरपुर के गिजास टोला निवासी दीपक कुमार के रूप में हुई है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि जब 41 श्रमिक का नाम सूची में सामने आया तब एनएचआइडीसीएल और निर्माण कंपनी नवयुग कंस्ट्रक्शन बड़ी लापरवाही का पता चला।
इंदौर से एयरलिफ्ट कर लाई गई नई ऑगर मशीन
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल में फंसे श्रमिकों को जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इंदौर से एक और ऑगर मशीन शुक्रवार शाम जौलीग्रांट पहुंच गई है। शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे से शुरू हुए रेस्क्यू अभियान के तहत अब तक पांच पाइप टनल के मलबे में ड्रिल किए जा चुके है। ड्रिलिंग की प्रक्रिया लगातार जारी है। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको के अनुसार इंदौर से मशीन को एयर लिफ्ट कर लाया गया। ऑगर मशीन को इंदौर से एयर लिफ्ट कराते हुए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाने के बाद सड़क मार्ग से मशीन को सिलक्यारा पहुंचाया जाएगा। इस मशीन के आने से रेस्क्यू अभियान में और तेजी लाई जा सकेगी।
मप्र में चुनाव के दौरान हिंसा, कहीं हुई गोलीबारी तो कहीं तलवारबाजी
ऑगर मशीन के चलने से हो रहा कंपन
सुरंग के अंदर 1750 हार्स पॉवर की ऑगर मशीन के चलने से कंपन हो रहा है। जिससे सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके चलते मलबा गिरने का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए अब बीच में कुछ समय रुकेंगे और फिर काम शुरू करेंगे। चौथे पाइप का दो मीटर हिस्सा वेल्डिंग के लिए बाहर छोड़ा गया है। पांचवें पाइप को वेल्डिंग कर जोड़ दिया गया है। कुछ समय बाद इसको डालने के लिए ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा। बेरिंग खराब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब मशीन चलती है तो बेरिंग खराब होती ही है, जिसे बदला जाएगा। (एएमएपी)