मांडल बेचराजी एसआईआर से सुदूर गांवों तक पहुंचा विकास
एमबीएसआईआर बनने से स्थानीय व्यवसायों के साथ-साथ किसानों को भी काफी फायदा हुआ है। इस बारे में बात करते हुए सीतापुर के किसान कनुदानभाई गढ़वी कहते हैं, “20 साल पहले सीतापुर गाँव को पिछड़ा माना जाता था। चार जिलों की सीमा से लगे सीतापुर में ज़मीन की कीमतें बमुश्किल 10,000 रुपये प्रति बीघे मिलती थीं। आज जो जमीन विशेष निवेश क्षेत्र बन रही हैं, उनकी कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं, जिससे हमें काफी लाभ हुआ है। साथ ही, यहाँ मौजूद कंपनियों ने अपनी सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) गतिविधियों के हिस्से के रूप में, गांव में शौचालय और सामुदायिक हॉल को भी विकसित किया है। एमबीएसआईआर के कारण ही सीतापुर और आसपास के गांवों के लोगों को यहां स्थापित होने वाली कंपनियों में रोजगार मिल रहा है।”
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार गुजरात वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के दसवें संस्करण के आयोजन की ओर आगे बढ़ रही है। 20 साल पहले शुरू हुए वाइब्रेंट गुजरात समिट की सफल योजना के परिणामस्वरूप गुजरात को कई मेगा प्रोजेक्ट मिले हैं, जो गुजरात के भविष्य के विकास का नेतृत्व करेंगे। मांडल बेचराजी एसआईआर, ऐसा ही एक फ्यूचरिस्टिक मेगा प्रोजेक्ट है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब की थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। आज दुनिया के बड़े उद्योगपति गुजरात में निवेश कर रहे हैं। बहुचराजी के पास प्रसिद्ध कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी मारुति सुज़ुकी का नया मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित होने से यहाँ के आसपास के क्षेत्रों में व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
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मांडल-बेचराजी स्पेशल इन्वेस्टमेन्ट रीजन (एमबीएसआईआर) कई बड़े इन्वेस्टमेन्ट्स के साथ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। आज यहाँ मारुति सुजुकी और होंडा जैसी प्रसिद्ध कार कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स संचालित हैं। एमबीएसआईआर के तहत कुल 102 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल को औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जा रहा है, जिसमें 9 गांव- हालीपुर, सीतापुर, उघरोज, उघरोजपुरा, भागापुरा, गीतापुर, उकरदी, चंदनकी और शिहोर शामिल हैं। फिलहाल इस क्षेत्र में फेज-1 के तहत सड़क और कनेक्टिविटी से संबंधित काम पूरे हो चुके हैं। फेज-2 में स्ट्रीट लाइट, सीवर लाइन और स्वच्छ पेयजल जैसे काम अगले दो साल में पूरे कर लिये जाएंगे। (एएमएपी)