आपका अखबार ब्यूरो ।
विश्वव्यापी महामारी कोरोना ने दुनिया के सभी देशों में पांव पसारा है लेकिन उससे सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शीर्ष पर अमेरिका है। यहां अब तक तीन लाख से अधिक लोग कोरोना के कारण जीवन खो चुके हैं। अमेरिकी कंपनी फाइजर ने कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है। दिसंबर में अमेरिका में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले सामने आने के बाद आनन-फानन में खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। वैक्सीन एडवाइजरी समूह ने फैसला किया था कि 16 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए फाइजर का टीका सुरक्षित है। उधर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर ने भी अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के 95 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी होने का दावा किया था। फाइजर का टीका एक बुरी खबर लेकर आया है। इसे लगाने वाले लोगों में एलर्जी की समस्या उम्मीद से ज्यादा आ रही है।
एक दिन पहले ही (बुधवार को) अमेरिका ने फाइजर के साथ कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ अतिरिक्त खुराक मुहैया करवाने के लिए सौदा किया और बृहस्पतिवार को यह खबर सामने आई कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन के एलर्जिक रिएक्शन उम्मीद से बहुत ज्यादा हैं।
वैक्सीन से एलर्जी
अमेरिका में 30 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन का टीका पहुंचाने वाले अभियान के ‘आपरेशन वॉर्प स्पीड’ के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर डा. मोन्सेफ सलाई ने वृहस्पतिवार को कहा कि ‘फाइजर-बायोनटेक की बनाई कोरोना वैक्सीन लगाने से लोगों में एलर्जी की समस्या देखी जा रही है जो कि उम्मीद से ज्यादा है। इस कोरोना वैक्सीन से कुल आठ लोगों में एलर्जिक रिएक्शन की समस्या हुई है जिनमें छह अमेरिकी और दो ब्रिटेन के हैं।
डा. मोन्सेफ ने बताया कि नेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ हेल्थ वैक्सीन निर्माताओं के साथ लगातार विचार-विमर्श कर रहा था कि वे अत्यधिक एलर्जिक लोगों में ट्रायल करने का सोचें, खासतौर पर एपि-पेन ऐंटी-एलर्जिक दवा लेने वालों में।
चकत्ते, सांस में दिक्कत
अभी तक सामने आए इस वैक्सीन के एलर्जिक रिएक्शन्स में त्वचा पर चकत्ते पड़ना, ब्लड प्रेशर का तेजी से कम होना, सांस लेने में परेशानी और दिल की धड़कन का तेजी से बढ़ जाना शामिल है। इन सबके पीछे मुख्य कारण वैक्सीन में मौजूद कंपाउंड पोलिथिलीन ग्लाइकोल (पीईजी) को माना जा रहा है। वैक्सीन की पैकेजिंग में यह मुख्य रूप से शामिल है। फाइजर-बायोनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन में मौजूद पीईजी का इस्तेमाल इससे पहले कभी किसी वैक्सीन में नहीं किया गया है। हालांकि, यह कुछ दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है।
BREAKING:
Two people who had the Pfizer- BioNTech vaccine jab on Tuesday have reported major allergic reactions. UK regulators have issued a warning that people with a history of “significant” allergy should not currently receive the Pfizer – BioNTech COVID19 vaccine.
— COVID19 Vaccine Alerts (@coronaviruscare) December 9, 2020
ब्रिटेन, अमेरिका में एडवाइजरी
ब्रिटेन में मेडिसिन ऐंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने इस वैक्सीन को लेकर पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी थी। एमएचआरए ने लोगों को कहा था कि जिन लोगों को ज्यादा एलर्जी की समस्या रहती है उन्हें फाइजर-बायोनटेक वैक्सीन नहीं लेना चाहिए। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने भी फाइजर की वैक्सीन के लिए ऐसी ही एडवाइजरी जारी की है।
अमेरिका में 10 लाख और ब्रिटेन में 6 लाख लोगों को दी गई वैक्सीन
अमेरिका में 14 दिसंबर से कोरोना से बचाव का टीका लगाने का अभियान चल रहा है और अब तक दस लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड ने इसे प्रारंभिक लेकिन महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए बुधवार को कहा था कि अमेरिका में दस लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लग गई है। उन्होंने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह तक दो करोड़ लोगों को टीका लगा दिए जाने की उम्मीद है।
वहीं ब्रिटेन में इस महीने की शुरू में कोरोना टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया गया। ब्रिटेन की सरकार के मुताबिक छह लाख से अधिक लोगों को अब तक फाइजर बायोएनटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
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