Air pollution in Delhi-NCR: Supreme Court asks why doesn’t the Punjab government make the process of crop residue 100% free? To burn it, all the farmer needs to do is light a matchstick. Machine for the management of crop residue to farmers is not everything. Even if machine is… pic.twitter.com/J8oLDKNbMA
— ANI (@ANI) November 21, 2023
पंजाब सरकार ने क्या बताया
कोर्ट ने कहा, पंजाब सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों के साथ 8481 बैठकें की गईं और थानाध्यक्षों ने उन्हें समझाया कि वे पराली ना जलाएं। वहीं सुप्रीम कोर्ट को पता चला है कि पहले के मुकाबले पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले में 984 एफआईआर दर्ज की गई हैं। वहीं दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है जिसमें से 18 लाख रुपये रिकवर हुए हैं।
पराली जलाने पर वाले किसानों को करें एमएसपी से वंचित
बता दें कि मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के मामले में पंजाब सरकार के वकील से कोर्ट ने पूछा कि पराली जलाने के मामले में क्या किया गया है। इसपर वकील ने बताया कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि अब अगली बार के प्रदूषण का इंतजार नहीं किया जाएगा बल्कि कोर्ट इसकी निगरानी करेगा। अदालत ने यह भी कहा कि अगर किसान नहीं मान रहे हैं और वे पराली जला रहे हैं तो उन्हें एमएसपी के लाभ से वंचित कर देना चाहिए।
#NewsAlert | Supreme Court says Punjab government’s report suggests that 8,481 meetings have been held with farmers and farm leaders to convince them to not burn paddy straws by SHOs. #AirPollution #FarmFires #DelhiPollution pic.twitter.com/Oqjc35FGSl
— NDTV (@ndtv) November 21, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वकील से पूछा कि अगर किसानो पर जुर्माना लगाया गया है तो वसूला क्यो नहीं गया। कोर्ट ने सरकार से यह तो जरूर कहा कि उन किसानों को एमएसपी से वंचित किया जाए जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही यह भी कहा कि अगर दूसरे राज्यों के किसान एमएसपी के लिए पंजाब में अपना अनाज बेच देते हैं तो वे दूसरे के जरिए भी अपना अनाज बेच ही लेंगे। इसलिए एमएसपी का लाभ रोकने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
बिहार का दिया उदाहरण
कोर्ट ने कहा कि बिहार के लोग अब भी मशीनों का इस्तेमाल कम करते हैं और अपने हाथों से फसल काटते हैं। वहां पराली जलाने की घटनाएं भी बहुत कम होती हैं। पंजाब समेत अन्य राज्यों में भी कई छोटे किसान पराली को जलाते नहीं हैं बल्कि बेच देते हैं। ऐसे में अगर हरियाणा की तरह किसानों के सस्ते दामों में पराली के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएं तो बात बन सकती है। (एएमएपी)