‘डीपफेक’ लोकतंत्र के लिए नया खतरा, इससे निपटने सरकार लाएगी नए नियम
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ को लोकतंत्र के लिए नया खतरा करार देते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी। मंत्री ने ‘डीपफेक’ के मुद्दे पर आज सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले में सोशल मीडिया मंचों से सावधानी बरतने और वाजिब समाधान निकालने का आह्वान किया।
#WATCH | Delhi: After meeting with social media companies on the issue of Deep fake, Union Minister for Communications, Electronics & IT Ashwini Vaishnaw says, “We have all agreed that within the next about 10 days, we will come up with clear actionable items…All the companies,… pic.twitter.com/3h0hMyCk1C
अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। इस दौरान डीपफेक मुद्दे का समाधान निकालने को लेकर चर्चा हुई है और इसका समाधान निकालने को कहा है। वैष्णव ने कहा कि बैठक में डीपफेक की जांच कैसे हो, इसे वायरल होने से कैसे बचाया जाए, कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करे और इस पर तुरंत कार्रवाई कैसे हो सहित डीपफेक के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि डीपफेक एक गंभीर मुद्दा है। इस पर जागरूकता बहुत जरूरी है। डीपफेक पर एक नए विनियमन की जरूरत है। इस पर त्वरित भाव से कार्रवाई शुरू होगी।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि जो सोशल मीडिया मंच डीपफेक के संबंध में पर्याप्त कदम नहीं उठाएंगे, उन्हें आईटी अधिनियम के ‘सेफ हार्बर’ प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा। सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अब सोशल मीडिया मंचों को डीपफेक के मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा।
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी डीपफेक के मुद्दे को गंभीर बताते हुए आगाह किया था। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उनका एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ। उसमें वह गरबा कर रहे थे लेकिन वह वीडियो उनका नहीं था। वह स्कूल के बाद कभी भी गरबा नहीं खेले हैं। (एएमएपी)