जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच बुधवार रात से शुरू हुई मुठभेड़ गुरुवार को भी जारी रही। जिसमें पाक आतंकी मारा गया। इस आतंकी की पहचान क्वारी के नाम से हुई है। वह लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकियों में से एक था। राजौरी के कालाकोट के जंगलों में चल रहे एनकाउंटर में दो अफसरों समेत 4 सैनिक शहीद हो चुके हैं। पाकिस्तान के रहने वाले आतंकी कारी को लश्कर के सरगनाओं ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की नई लहर पैदा करने के लिए भेजा था। बताया जाता है कि वह आईईडी बनाने में एक्सपर्ट था। इसके अलावा वह गुफाओं में छिपकर भी लंबे समय तक आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में माहिर था।
VIDEO | Bodies of two terrorists, killed during an encounter with security forces in Jammu and Kashmir’s Rajouri, have been recovered.
(Note: Visuals deferred by unspecified time.) pic.twitter.com/r1fXdCN8QZ
— Press Trust of India (@PTI_News) November 23, 2023
प्रशिक्षित स्नाइपर था आतंकी
जम्मू-कश्मीर में तैनात डिफेंस पीआरओ ने कहा कि वह एक प्रशिक्षित स्नाइपर भी था। इससे समझा जा सकता है कि सुरक्षा बलों को कितने बड़े आतंकी को मार गिराने में सफलता मिली है। उसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी। लश्कर-ए-तैयबा में भी वह सीनियर कमांडरों में शामिल था। वह बीते एक साल से राजौरी पुंछ इलाके में आतंकवाद फैलाने में जुटा था। माना जाता है कि डांगरी और कांडी में हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड वही था। यह एनकाउंटर तब शुरू हुआ है, जब सेना और पुलिस ने संयुक्त रूप से एक खुफिया इनपुट के बाद ऑपरेशन शुरू किया था। सुरक्षा बलों को जानकारी मिली थी कि कालाकोट के जंगलों में खूंखार आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद इलाके को घेर लिया गया।
ढांगरी में किया था आतंकी हमला
सेना को क्वारी के बारे में जानकारी मिली है कि वह आईईडी लगाने, गुफाओं से छिपकर हमला करने और प्रशिक्षित स्नाइपर था। इस साल एक जनवरी को राजौरी के ढांगरी में दोहरे आतंकी हमले को इसी ग्रुप ने अंजाम दिया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इसमें से पांच लोग गोलीबारी में और दो लोग आईईडी ब्लास्ट में मारे गए थे।
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सर्दी आते ही आतंकी साजिशें हो गईं तेज
आतंकी संगठनों ने सर्दी शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर में हमले तेज कर दिए हैं। यह सिलसिला अगले कुछ दिनों में और बढ़ सकता है, क्योंकि बर्फ गिरने से पहले सीमा पार से आतंकियों की बड़े स्तर पर घुसपैठ कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि पहले से मौजूद दहशतगर्दों से हमले करवाकर आतंकी सरगना अपनी मौजूदगी का एहसास कराने का प्रयास कर रहे हैं। (एएमएपी)