Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami took stock of the Silkyara Tunnel Rescue Operation in Silkyara, Uttarkashi. He also took information from the officials regarding the ongoing relief and rescue operations in the tunnel. He obtained information regarding the condition of the… pic.twitter.com/2BbApr3MHT
— ANI (@ANI) November 25, 2023
मुख्यमंत्री धामी ने आज मीडिया से बातचीत में उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे के लिए किए जा रहे रेस्क्यू आपरेशन के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे के कारण सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन इस बीच बाधाएं लगातार अवरोध डाल रही हैं। अब ऑगर मशीन की ब्लेड क्षतिग्रस्त हुई है तो टनल के ऊपरी हिस्से में जल रिसाव ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। उन्होंने बताया कि सभी मजदूर ठीक हैं। मजदूरों से बात हुई है, वो ठीक हैं। उन्होंने बताया कि मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सारा ध्यान मजदूरों को निकालने पर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में भीतर टूटी मशीन की ब्लेड को काटकर बाहर निकालने का काम जारी है, जिसमें कल तक का समय लग सकता है। इसके बाद टनल में मशीन के बजाय केवल मैन्युअल काम होगा, जिसमें 24 घंटे तक का समय लगेगा। यानी अगले दो से तीन दिन मजदूरों को सुरंग के अंदर ही इंतजार करना होगा।
टनल विशेषज्ञ कर्नल परिक्षित मेहरा ने बताया कि ऑगर मशीन के टूटे हुए बरमे को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है, जिसमें कुछ समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि जैसे ही बरमा बाहर निकाल लिया जाएगा तो दोबारा ड्रिलिंग का प्रयास किया जाएगा। हालांकि ऑगर मशीन के सुरंग में फंसने से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारी चिंतित दिखाई दिए।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चल रहे टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने और टनल में फंसे उड़ीसा के श्रमिकों का हाल जानने कल रविवार को उड़ीसा के श्रम व रोजगार मंत्री शारदा प्रसाद नायक सिलक्यारा पहुंचेंगे। उनके कार्यक्रम को उड़ीसा के लेबर मिनिस्ट्री कार्यालय से जारी किया गया है।
ऑगर मशीन ने पहाड़ के आगे टेके घुटने-
दुनिया के चौथे सबसे बड़े उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में रेस्क्यू में बीते 14 दिनों से 41 श्रमिकों को निकालने का अभियान जारी है। अमेरिकन ऑगर मशीन से ड्रिलिंग ही श्रमिकों को बाहर निकालने का एक बड़ा सहारा था, लेकिन मशीन के भीतर बार-बार लोहे के टुकड़े फंसने से ड्रिलिंग रोकनी पड़ रही है। बीते शुक्रवार करीब 2 मीटर की ड्रिलिंग के बाद फिर से तकनीकी परेशानी हो गई यानि कुछ वक्त और लगेगा। अब रेस्क्यू ऑपरेशन में एक रात और खिंच गयी। इसमें दुनिया भर की बेहतरीन मशीन लगाई गई फिर भी पहाड़ के आगे मशीनों घुटने टेक दिए, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमों अपने ने घुटने नहीं टेके।
VIDEO | Uttarkashi tunnel rescue UPDATE: “In the last 24 hours, no progress has been made. Several obstacles came in the way of the auger machine, due to which, the auger machine was broken and a part of it is inside, which can be removed through cutting. Indian Air Force has… pic.twitter.com/gzC1OGJglS
— Press Trust of India (@PTI_News) November 25, 2023
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित से सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा बीते 12 नवंबर को ढह गया गया था। इसके बाद से रेस्क्यू टीमें मजदूरों को बाहर निकालने के लिए काम लगातार कार्य में युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं।
सबसे पहले सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग के अंदर ऑक्सीजन का पाइप डाल गया। रेस्क्यू आपरेशन के शुरुआती दौर में इसमें सफलता नहीं मिली तो फिर अमेरिका की ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगवाई गई। कहने का मतलब यह कि पहाड़ में पहाड़ जैसी ही समस्या सामने आ रही है और इस पहाड़ के आगे ऑगर ड्रिलिंग मशीन अपने घुटने टेक दिए। सूत्रों का कहना है कि अब सुरंग के अंदर यानी जहां मजदूर फंसे हैं वहां से 9-10 मीटर मलबा को हटाने की भी तैयारी चल रही है। इसमें मुख्यमंत्री धामी, कई केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री मोदी से लेकर पूरा का पूरा अमला इसके रेस्क्यू ऑपरेशन में नजरें लगाए हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स बोले, ऑगर मशीन भूल जाइए?
सिलक्यारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने बताया कि देश में एक अमेरिकन ऑगर मशीन थी और यह ऑगर (मशीन) टूट गयी है। यह अपूर्णीय क्षति है, लेकिन श्रमिकों को बाहर निकालने के कई विकल्प हैं। यही सिर्फ एक रास्ता नहीं है…। फिलहाल, सब कुछ ठीक है…। यानी इस ऑगर मशीन से और कोई काम नहीं होगा। देश में और कोई नयी ऑगर मशीन भी नहीं है।
रेस्क्यू आपरेशन में नए घटनाक्रम के अनुसार शुक्रवार को ऑगर मशीन के ब्लेड टूट गए थे और अब ब्लेड बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। पहली कोशिश है कि ऑगर मशीन को फिर से तैयार कर शेष सुरंग में पाइप डाला जाए, लेकिन कई बार की कोशिशों के बाद भी रेस्क्यू आपरेशन में जुटी टीम को इसमें सफलता नहीं मिली है। एक बार फिर मशीन को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल ड्रिलिंग कल से ठप है और अब वर्टिकल ड्रिलिंग 88 मीटर नीचे तक करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मशीन को शीर्ष पर ले जाने की तैयारी चल रही है। वर्टिकल खुदाई में भी सब कुछ ठीक रहा तो चार से पांच दिन का समय लग सकता है।
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami held a high-level meeting with all the agencies and officials of the state administration engaged in the ongoing rescue operation to rescue the workers trapped in the tunnel under construction in Silkyara, Uttarkashi. In the meeting, CM said… pic.twitter.com/BGoj5zZfXu
— ANI (@ANI) November 25, 2023
मुख्यमंत्री ने ली हाई पावर कमेटी की बैठक-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा सुरंग हादसे में रेस्क्यू कर रही सभी एजेंसियों के साथ हाई पावर कमेटी की बैठक ली। इसमें कई वरिष्ठ आला अधिकारी भी मौजूद हैं। इस बैठक के लिए देहरादून से मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू भी सिलक्यारा पहुंचे हुए हैं। इसमें रेस्क्यू प्लान को लेकर आगे की रणनीति की जाएगी। सूत्रों के हवाले यह भी पता चला है कि सरकार रेस्क्यू कार्य में आर्मी की मदद ले सकती है। वर्टिकल के साथ ही होरिजेंटल खुदाई का भी बैठक में निर्णय लिया गया है। आरवीएनएल को होरिजेंटल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है और यह 172 मीटर लंबी टनल बनाएगी। उधर, श्रमिकों ने भीतर से संदेश दिया कि वे स्वयं खोद कर बाहर निकलेंगे। श्रमिकों के हौसले बुलंद हैं, लेकिन बाहर आने के लिए उनके मन में छटपटाहट जरूर बढ़ती जा रही है।
सीएम धामी बोले, प्रधानमंत्री प्रतिदिन श्रमिकों का कुशलक्षेम और राहत कार्यों की ले रहे जानकारी-
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के अपने एक्स ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं। प्रधानमंत्री मोदी प्रतिदिन श्रमिकों का कुशलक्षेम और सुरंग में जारी राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ले रहे हैं।
केंद्रीय एजेंसियां, प्रदेश प्रशासन एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीमें सारे विकल्पों पर कार्य कर रही हैं, हम शीघ्र ही श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने में सफल होंगे।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग के रेस्क्यू को लेकर केंद्र और राज्य की विभिन्न एजेंसियां दिनरात काम कर रही हैं, लेकिन ये एजेंसियां 14 दिन बाद भी श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता नहीं पायी हैं। इसका कारण कभी ऑगर मशीन में ड्रिलिंग के दौरान टेक्निकल फाल्ट आना तो कभी मशीन के रास्ते में सुरंग के सरिया, रॉड और मलबा आने के कारण खराबी पैदा होना है। इसके कारण पिछले तीन दिन से श्रमिकों के बाहर निकालने में आज और कल हो रहा है। अब यही सवाल है कि आखिर कब तक सभी श्रमिक सुरंग से सकुशल बाहर आ सकें? (एएमएपी)