#WATCH | On incidents of atrocities against women in Rajasthan, BJP leader & Union minister Amit Shah in Rajasthan’s Jalore says, “…Modi ji gave 33% reservation to women in Parliament after the new Parliament building was inaugurated. But what is the Gehlot government doing?… pic.twitter.com/jYGaoHYyXV
— ANI (@ANI) November 22, 2023
विधेयक 2023 को भी शीतकालीन सत्र के लिए शामिल
संसदीय पैनल ने 50 से अधिक संशोधनों का सुझाव दिया
भारतीय दंड संहिता (1860), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (1872) और आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम (1898) को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय साक्ष्य (बीएस) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) से बदला जाएगा। हाल ही में भाजपा सांसद बृजलाल की अध्यक्षता वाले एक संसदीय पैनल ने 50 से अधिक संशोधनों का सुझाव दिया था। इस दौरान तीन विधेयकों में कई प्रिंटिंग और संख्या संबंधी त्रुटियों को रेखांकित किया था।भारतीय न्याय संहिता में मॉब लिंचिंग पर सात साल की कैद या आजीवन कारावास या फिर मौत की सजा का प्रावधान है। वीडियो ट्रायल, एफआईआर की ई-फाइलिंग के माध्यम से बिना देरी न्याय को सक्षम बनाने की कोशिश की गई है। राजद्रोह की परिभाषा का भी विस्तार किया गया है। भ्रष्टाचार, आतंकवाद और संगठित अपराध को दंडात्मक कानूनों के तहत लाया गया है। सजा के नए रूपों के रूप में सामुदायिक सेवा और एकांत कारावास की भी शुरुआत की जाएगी।
VIDEO | “There is unbreakable trust on PM Modi and BJP. Breach of promises, inability to ensure women security, paper leak, rampant corruption by the Congress in these five years are known to the people,” says Rajasthan BJP chief @cpjoshiBJP. #RajasthanElections2023… pic.twitter.com/KNNoRvFX4I
— Press Trust of India (@PTI_News) November 28, 2023
पैनल कई सुझाव दिए हैं, जिन पर सरकार विचार कर सकती है। पैनल ने तर्क दिया है कि धारा 497 को भेदभाव के आधार पर रद्द कर दिया गया था। इसे लिंग-तटस्थ बनाने से इस कमी को दूर किया जा सकेगा। सरकार का मानना है कि विवाह की पवित्रता की रक्षा के लिए इस प्रावधान को बरकरार रखने की जरूरत है।
महिलाओं को मिलेंगी तीस सीटें
पूर्व जम्मू कश्मीर में विधानसभा में मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल दो महिलाओं को नामांकित करते थे। समय समय की सरकारों की कोशिश पूर्व विधानसभा परिषद में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की होती थी। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद विधान परिषद को समाप्त किया जा चुका है। अब जब नई विधानसभा बनेगी और केंद्रीय महिला आरक्षण लागू होगा तो कुल 90 सीटों में महिलाओं को तीस सीटें मिलेगी।
मोदी सरकार महिलाओं को आरक्षण देने के लिए गंभीर
यह कहा जा रहा है कि जनगणना और परिसीमन के बाद इसे लागू किया जाएगा तो यह किसी लालीपाप से कम नहीं है। महिला विधायक के तौर पर जम्मू कश्मीर की पूर्व विधानसभा में नामांकित हुई इंदु पवार ने कहा कि इस बिल को पहले कांग्रेस ने लाया था। नेशनल कांफ्रेंस की वरिष्ठ महिला नेता व पूर्व विधायक रही विमला लुथरा ने कहा कि हम इस बिल का पूरा समर्थन कर रहे हैं।(एएमएपी)