केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर कहा, “जल जीवन मिशन के माध्यम से प्रत्येक वर्ष 1.36 लाख बच्चों की प्राण रक्षा हो रही है। यह तथ्य नोबेल पुरस्कार विजेता माइकल क्रेमर ने दिया है। मोदी जी के विजन से ‘हर घर जल’ का नारा हर घर स्वास्थ्य और समृद्धि को भी लक्षित।”
Released the Ground Water Assessment Report 2023 today & it gives me great joy to share that we have seen a phenomenal increase in the total recharge of groundwater in the country.
Thanks to the relentless efforts of our govt led by PM @narendramodi ji, who has always given… pic.twitter.com/gsyyUuIV9I
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) December 1, 2023
उल्लेखनीय है कि जलशक्ति मंत्रालय का राष्ट्रीय जल मिशन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने आज यहां महरौली के शम्सी तालाब, जहाज महल में ‘जल इतिहास उत्सव’ का आयोजन किया जिसका उद्देश्य जल विरासत स्थलों की सुरक्षा के प्रति सार्वजनिक चेतना बढ़ाना, जनता के बीच स्वामित्व की भावना उत्पन्न करना, पर्यटन को बढ़ावा देना और ऐसी विरासत संरचनाओं का जीर्णोद्धार करना है। यह भव्य आयोजन 15 से 30 नवंबर तक देश के विभिन्न जिलों में 75 ‘प्राकृतिक जल विरासत संरचनाओं’ में मनाए जा रहे “जल विरासत पखवाड़े” के समापन का प्रतीक है।
जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि जल जीवन मिशन से लाखों बच्चों की जीवन को बचाया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि इस दूरगामी सोच से देश में नागरिकों को स्वस्थ और समृद्धि बनाया जा रहा है।
शेखावत ने ‘हर घर नल से जल’ योजना को देश के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक बताया और कहा कि आम जन के हित की यह अत्यंत सफल योजना है और श्री मोदी के इस विजन का लाभ देश के करोड़ों लोगों को मिल रहा है।
#WATCH | Delhi: Union Minister & BJP leader Gajendra Singh Shekhawat says, ” It is Ashok Gehlot’s job to do magic tricks…We exposed their (Congress) corruption and fought elections, based on that so surely, BJP is going to come to power(in Rajasthan) because people have made up… pic.twitter.com/Y4cr5Enimn
— ANI (@ANI) December 1, 2023
केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर कहा, “जल जीवन मिशन के माध्यम से प्रत्येक वर्ष 1.36 लाख बच्चों की प्राण रक्षा हो रही है। यह तथ्य नोबेल पुरस्कार विजेता माइकल क्रेमर ने दिया है। मोदी जी के विजन से ‘हर घर जल’ का नारा हर घर स्वास्थ्य और समृद्धि को भी लक्षित।”
गौरतलब है कि जलशक्ति मंत्रालय का राष्ट्रीय जल मिशन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने आज यहां महरौली के शम्सी तालाब, जहाज महल में ‘जल इतिहास उत्सव’ का आयोजन किया जिसका उद्देश्य जल विरासत स्थलों की सुरक्षा के प्रति सार्वजनिक चेतना बढ़ाना, जनता के बीच स्वामित्व की भावना उत्पन्न करना, पर्यटन को बढ़ावा देना और ऐसी विरासत संरचनाओं का जीर्णोद्धार करना है। यह भव्य आयोजन 15 से 30 नवंबर तक देश के विभिन्न जिलों में 75 ‘प्राकृतिक जल विरासत संरचनाओं’ में मनाए जा रहे “जल विरासत पखवाड़े” के समापन का प्रतीक है।
पानी की जांच को लेकर कई गंभीर सवाल
लोगों के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत असर पड़ता है। ऐसे क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति किसी बांध, पोखर, तालाब और जलाशय से की जाएगी। फिलहाल देश की पेयजल आपूर्ति में भूजल की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत है। जल जीवन मिशन में पानी की गुणवत्ता को गंभीरता से लिया गया है। जल शक्ति मंत्री शेखावत ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पानी की जांच को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए जा रहे थे।
#WATCH | On polling day in Rajasthan, Union Minister & BJP leader Gajendra Singh Shekhawat says, “We need to ensure 100% voting. The voters of the state need to vote keeping in mind how Rajasthan can become the growth engine for making India a developed nation.” pic.twitter.com/iaW1tgKZOF
— ANI (@ANI) November 25, 2023
कभी भी कराई जा सकती है पानी की जांच
इसके मद्देनजर मिशन ने कोविड-19 की जांच प्रणाली से बहुत कुछ सीखा है। इसके लिए पूरे देश में एक नेशनल ग्रिड विकसित की जा रही है। इससे कहीं भी और कभी भी पानी की जांच कराई जा सकती है। घरेलू सेंसर टेक्नालाजी के माध्यम से देश के 100 स्थानों पर सालभर से पानी की आपूर्ति हो रही है। इससे हमें हर क्षण पानी की गुणवत्ता, मात्रा और निरंतरता का पता चल रहा है। यह प्रणाली राष्ट्रीय स्तर पर लागू की जा सकती है।
देश के 48,000 गांवों में भूजल की गुणवत्ता बेहद खराब
अन्य राज्यों के भूजल में आयरन
पूर्वोत्तर क्षेत्र के त्रिपुरा समेत अन्य राज्यों के भूजल में आयरन मिला है। ये सभी तत्व स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा कई जगहों का भूजल खारा है, जिसे पीना संभव नहीं है। ऐसे सभी राज्यों से अपने यहां ‘मल्टी सरफेस और मल्टी विलेज स्कीम’ बनाने को कहा गया है ताकि स्थानीय स्तर पर बांध, पोखर, तालाब और जलाशयों से पानी की आपूर्ति हो सके। इसे बनने में दो से तीन साल का समय लग सकता है। इसीलिए ऐसे गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए तात्कालिक तौर पर कम्युनिटी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं।
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