चिकित्सा ज्योतिष

pawan sinha gurujiश्रीगुरु पवन सिन्हा ।

लक्षणों के अध्ययन से हम अपने शरीर की प्रवृत्ति और प्रकृति के बारे में बहुत सूक्ष्म जानकारियां हासिल कर सकते हैं, जिनका लाभ लेते हुए यदि हम अपने व्यवहार, खान-पान और दिनचर्या में परिवर्तन कर दें, तो हम स्वयं को गंभीर रोगों से बचा सकते हैं। न जाने क्यों ज्योतिष विज्ञान के इस स्वरूप पर खास तवज्जो नहीं दी गई है।


बृहस्पति खराब हो तो

लक्षण पहचान ज्योतिष में अति महत्त्वपूर्ण विषय है। यदि किसी व्यक्ति को घबराने की आदत है, भोजन का अति शौकीन है, दूसरों को सलाह बहुत देता है पर स्वयं उन पर अमल नहीं कर पाता, अपने रिश्तों-वस्तुओं-ज्ञान आदि पर कभी-कभी अहंकार आ जाता है, तो ऐसे व्यक्ति का बृहस्पति खराब है और वो वात और कफ प्रति संबंधी समस्याओं का शिकार हो जाएगा। उसे मल-मूत्र संबंधी समस्याएं होंगी। अतिव्यग्रता, चिड़चिड़ापन, कमजोर स्मरणशक्ति, शरीर में दर्द और आलस्य की समस्या उसे बहुत परेशान करेगी।

चंद्रमा कमजोर होने पर

कुछ व्यक्ति अपने सामने मौजूद स्थिति से विमुख हो जाते हैं। जहां मौज-मस्ती हो रही हो वहां गुस्सा करने लगते हैं और जहां दुख हो वहाँ खुश हो जाते हैं या उत्साह से दुखी की सहायता करते नजर आते हैं, और सलाह बहुत देने की आदत हो तो ऐसे व्यक्ति का चंद्रमा कमजोर होता है। ऐसे लोगों को आँख की समस्या होती है। ऐसे लोग तनाव जनित रोगों की पकड़ मे बहुत जल्द आ जाते हैं।

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अंगुलियों हथेली में रोगों के संकेत

1- यदि किसी व्यक्ति की कनिष्ठा मुड़ी हुई या काफी छोटी हो तो ऐसे व्यक्ति को पित्त विकार, दाँत, और गले संबंधी रोग होने का डर रहता है। इन्हें हमेशा इन रोगों से सावधान रहना होगा।

2- हथेली में पसीना आना बहुत बुरी निशानी है। अति कमजोर मंगल और चंद्रमा के कारण ऐसा होता है। हथेली में पसीना इंद्रियों पर कमजोर नियंत्रण को दिखाता है। ऐसा व्यक्ति भावनात्मक असंतुलन का शिकार हो जाता है। अचानक गुस्सा, अचानक भावुकता, अचानक दुखी हो जाना और आत्मविश्वास खो देना ऐसे लोगों के लक्षण होते हैं।

3- अगर तर्जनी अंगुली अनामिका अंगुली से छोटी हो तो वो इंसान आक्रामक होगा।

4- जिस पुरुष की अनामिका लंबी होगी उसमें संतानोत्पत्ति की क्षमता अधिक होगी।

5- जिनकी तर्जनी अनामिका से लंबी होती है उनमें आलस्य अधिक होता है।

6- यदि हथेलियां अंगुलियों से लंबी हों तो ऐसे व्यक्ति को एंग्जाइटी की समस्या, मोटापा या हार्मोन के असंतुलन की समस्या घेर सकती है। ऐसे लोगों को अपने व्यक्तित्च में अच्छी अभिव्यक्ति के लिए भी बहुत प्रयास करना पड़ता है तथा ऐसे बच्चों के विचारों में परिपक्वता देर से आती है।

7- वहीं जिसकी अंगुलियाँ और हथेली की लंबाई बराबर हो तथा अनामिका, तर्जनी अंगुली से लंबी हो तो वह व्यक्ति व्यावहारिक, परिपक्व एवं संतुलित होता है। ऐसे लोगों में टेस्टोस्ट्रोन हार्मोन संतुलित मात्रा में होता है। जिसके कारण एक ओर तो पौरुषीय शक्ति अच्छी होती है, वहीं दूसरी ओर साहस की भी अधिकता होती है जिससे जीवन में आगे बढ़ने के अच्छे अवसर मिलते रहते हैं।

8- जिनकी अंगुलियाँ पतली व कमजोर हैं उनकी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमज़ोर होती है।

इस प्रकार चिकित्सा ज्योतिष के अनेकों सिद्धांत मानव कल्याण कर सकते हैं यदि इन्हें रोगों की सूचना यंत्र के रूप मे प्रयोग करें तो। इन्हें समझना भी बहुत आसान है और बिना धन खर्च किए इनका लाभ उठाया जा सकता है।

(अजय विद्युत से बातचीत पर आधारित)


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