राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के वार्षिक रिपोर्ट में दिल्ली एक बार फिर से महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध में सबसे आगे है। महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के सबसे ज्यादा मामले दिल्ली में हो रहे हैं। एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली महिलाओं के लिए देश का सबसे असुरक्षित महानगर है। दिल्ली में प्रतिदिन औसतन तीन बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं।

एनसीआरबी ने 03 दिसंबर को ‘क्राइम इन इंडिया’ के आंकड़े जारी किए हैं। क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 14,158 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो लगातार तीसरे साल 19 महानगरीय शहरों में सबसे अधिक है।

महिलाओं के प्रति दिल्ली में बढ़ता अपराध, क्या कहते हैं NCRB के आंकड़े

  • दिल्ली में हर 1,00,000 महिलाओं पर लगभग 186.9 अपराध दर्ज किए गए हैं।
  • एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार इसमें 1,204 बलात्कार के मामले शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के अपहरण या अपहरण की 3,909 घटनाएं भी दर्ज की गईं।
  • दिल्ली में दहेज हत्या से संबंधित कुल 129 मामले दर्ज किए गए।
  • दिल्ली में पतियों या उनके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता की 4,847 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
  • लेटेस्ट एनसीआरबी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में बच्चों के खिलाफ अपराध की 7,400 घटनाएं दर्ज की गईं।

आरोपियों में कॉमन है ये एक बात!

द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिद दिल्ली के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि,’ दिल्ली में हो रहे बलात्कार और यौन हमले की अधिकांश घटनाओं में, पीड़िता और आरोपी आम तौर पर एक-दूसरे को जानते हैं, जिससे पुलिस के लिए ऐसी घटना को होने से सीधे रोकना मुश्किल हो जाता है क्योंकि पीड़िता कई कारणों के कारण शिकायत दर्ज करने से बचती है।


अधिकारी ने आगे कहा, हालांकि, हम गुड और बैड टच को समझाने के लिए जागरूकता अभियान चलाते हैं, और जब महिलाएं और लड़कियां खुद को ऐसी स्थितियों में पाती हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए, इसके लिए भी हम अभियान चला रहे हैं। हमने पुलिसिंग को सुलभ बनाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में ऐसे कई सत्र आयोजित किए हैं।अधिकारी ने कहा कि पुलिस महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है और शिकायतों को एफआईआर में बदलने पर काम कर रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं के लिए दर्ज मामलों में तेजी अपराध को रोकने के लिए पुलिस के कोशिशों का भी नतीजा है। उन्होंने कहा कि दर्ज न होने वाले मामलों की संख्या कम हो गई है क्योंकि अब अधिक महिलाएं मामले दर्ज करा रही हैं।

दर्ज किए गए 14 हजार से अधिक मामले

राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो के अनुसार, 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 महानगरों (अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत) में 2022 के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 48,755 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (43,414 मामले) की तुलना में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 72.4 प्रतिशत की चार्जशीट दर के साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध के 14,158 मामले दर्ज किए गए।

4 प्रतिशत बढ़े महिला से अपराध: रिपोर्ट

NCRB की वार्षिक रिपोर्ट के 70 वें संस्करण के आंकड़ों के पर नजर डाले तो राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में साल 2022 के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो साल 2021 (4,28,278 मामले) की तुलना में 4 प्रतिशत ज्यादा हैं।

सबसे ज्यादा है पति या रिश्तेदारों की क्रूरता के मामले

रिपोर्ट के अनुसार, आईपीसी के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत ज्यादातर मामले ‘पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा की क्रूरता के तहत दर्ज किया गए थे जो 31.4 प्रतिशत हैं। इसके बाद महिलाओं के अपहरण के मामले 19.2 प्रतिशत दर्ज किए गए। साथ ही महिलाओं पर उत्पीड़न के इरादे से हमला करने के मामले 18.7 प्रतिशत और दुष्कर्म के 7.1 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति लाख महिलाओं के खिलाफ होने वाले आपराधिक मामले साल 2021 में 64.5 थे, लेकिन 2022 में यह बढ़कर 66.4 हो गए थे।

बच्चों के खिलाफ भी बढ़े मामले

वहीं, एनसीआरबी की इस रिपोर्ट में बच्चों के साथ होने वाले अपराध को लेकर भी चिंता जताई है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रति लाख बच्चों की आबादी पर दर्ज अपराध दर 36.6 थी जो 2021 की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में इसकी संख्या 33.6 प्रतिशत थी।(एएमएपी)