भट्टी विक्रमार्क बने उपमुख्यमंत्री

कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनेक साथ 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें भट्टी विक्रमार्क मल्लू को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। वर्ष 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद रेवंत रेड्डी राज्य के दूसरे और कांग्रेस के पहले मुख्यमंत्री हैं। हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में हुए भव्य समारोह में 54 साल के रेवंत रेड्डी ने अपने 11 अन्य सहयोगियों के साथ पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मंत्री पद की शपथ लेने वालों में एन. उत्तम कुमार रेड्डी, सी. दामोदर राजनरसिम्हा, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, श्रीधरबाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, ए. सीथक्का, नागेश्वर राव, जुपल्ली कृष्ण राव और कोंडा सुरेखा शामिल हैं।

रेड्डी समुदाय को साधने की कोशिश

कांग्रेस ने महज छह साल पहले ही पार्टी शामिल हुए रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाकर तेलंगाना के सबसे मजबूत और प्रभावशाली रेड्डी समुदाय को अपने साथ जोड़ा है। इसके साथी पार्टी ने यह संदेश भी दिया है कि अगर दमदार व्यक्तित्व उनकी पार्टी में जुड़ता है, तो वह भी भारतीय जनता पार्टी की तरह दूसरे दल से आए नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा सकते हैं। पार्टी से जुड़े नेता भी मानते हैं कि रेवंत रेड्डी सिर्फ तेलंगाना ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश समेत दक्षिण की सियासत में वाईएसआर की तरह मजबूत चेहरे बनकर आगे बढ़ेंगे। फिलहाल तेलंगाना में रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने दक्षिण के सियासत में मजबूत पैठ बनाने की रणनीति तैयार की है।

कांग्रेस की यह है रणनीति

कांग्रेस पार्टी भी यह चाहती है कि विधानसभा परिणाम के बाद वह लोकसभा चुनावों में न सिर्फ बेहतर प्रदर्शन करें, बल्कि सियासी रूप से खुद को दक्षिण में और मजबूत करें। इस लिहाज से पार्टी ने रेवंत रेड्डी को आगे बढ़ाया है। कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखने वाले एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं दक्षिण भारत में खासतौर से आंध्र प्रदेश के क्षेत्र में वाईएसआर के बाद उनके पास कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा था। पार्टी ने वाईएसआर के बाद जिस पर दांव लगाने की कोशिश की वह भी सफल नहीं हो सके। वह कहते हैं कि वैसे तो दक्षिण की सियासत में रेड्डी समुदाय महज पांच फ़ीसदी ही है। लेकिन सियासी तौर पर यह समुदाय राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सबसे मजबूत माना जाता है।

पार्टी में आते ही एक्टिव हुए रेवंत रेड्डी

तेलंगाना कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता एचएन राव कहते हैं कि 2021 में प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही रेवंत रेड्डी ने पार्टी में आक्रामक रणनीति बनानी शुरू कर दी थी। नतीजा यह हुआ कि तत्कालीन मुख्यमंत्री केसीआर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय और नगर स्तर पर बड़े आंदोलन करने शुरू कर दिए। केसीआर की योजनाओं की जमीन पर उतरी हकीकत से जनता को रूबरू कराना शुरू कर दिया। इसके अलावा पार्टी में रेवंत ने सबको साथ कर आगे की रणनीति पर भी काम किया।

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शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे ये नेता

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि चुनावी वादों को पूरा करने का पूरा प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वार अब जनता के लिए हमेशा खुले रहेंगे। वह हर रोज प्रजा दरबार के रूप में आयोजित कार्यक्रम में जनता से मुलाकात करेंगे।(एएमएपी)