भारत कुछ ही वर्षों में वो हासिल कर रहा है, जिसे अन्य देशों को एक पीढ़ी लग गई। एआई पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट’ में शामिल होने का न्योता देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में 12 दिसंबर से एआई पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पीएम ने इसके उद्देश्यों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा रेग्युलेटरी स्ट्रक्चर बनाने बनाएगा जिससे एआई को लेकर सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ेगी।

मानवता की बेहतरी के लिए हो एआई का उपयोग

उन्होंने कहा, ‘भारत एक सार्वभौमिक समझ और अनुकूल वातावरण बनाना चाहता है, जिससे एआई का उपयोग मानवता की बेहतरी के लिए हो सके।’ डीपफेक के खतरों से खौफ में पड़ी दुनिया को एआई पर पीएम मोदी की तरफ से दिया गया यह आश्वासन वाकई बेहद महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई है कि देशवासी इस जीवंत मंच का हिस्सा बनना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि यह विषय नवाचार ही नहीं, मानव प्रयास की शक्ति का भी प्रतीक है। इस शक्ति ने आज कल्पना को जीवंत कर दिया है। तीव्र प्रगति की तरंगों में एआई ऐसा क्षेत्र है जहां इसके अनुप्रयोगों का तेजी से विस्तार हो रहा है।

क्रांतिकारी तकनीक अब नई पीढ़ी के हाथों में

उन्होंने कहा है कि यह क्रांतिकारी तकनीक अब नई पीढ़ी के हाथों में है। यह प्रतिभाशाली दिमाग ही इसकी विशाल क्षमता को समृद्ध कर रहा है। भारत मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिभाशाली कार्यबल के साथ सबसे युवा देशों में से एक के रूप में एआई के विकास में सक्रिय योगदान करने के लिए तैयार है, क्योंकि दुनिया बहुत दूर के भविष्य में छलांग लगा रही है। भारत ने विभिन्न उत्पादक उद्देश्यों के लिए एआई का उपयोग शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस निमंत्रण संदेश में कहा है कि शिखर सम्मेलन के प्रमुख अध्यक्ष के रूप में भारत लोगों के कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से एआई का उपयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। शिखर सम्मेलन में एआई एक्सपो सहित कई दिलचस्प सत्र होंगे। इस दौरान 150 स्टार्टअप अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।

दुनिया को पीएम मोदी का आश्वासन

पीएम मोदी ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में दुनिया को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘जब भारत बढ़ता है, तो सभी के लिए समान और समावेशी विकास का मॉडल सुनिश्चित करता है। जब भारत नयापन लाता है तो यह सुनिश्चित करता है कि कोई पीछे न रह जाए। जब भारत नेतृत्व करता है तो यह सुनिश्चित करता है कि सभी को बड़े लक्ष्य की ओर साथ ले जा सके।’

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जीपीआई का को-फाउंडर है भारत

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) का सह-संस्थापक है। इस पार्टनरशिप प्लैटफॉर्म में 28 सदस्य देश और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं, जो एआई के जिम्मेदार विकास और उपयोग का मार्गदर्शन करते हैं। जून 2020 में अपनी स्थापना के बाद से भारत ने जीपीएआई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह खुले, सुरक्षित, और जवाबदेह एआई के विकास, तैनाती और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। नवंबर 2022 में परिषद के लिए भारत का चुनाव, सुरक्षित और विश्वसनीय एआई के लिए उसके समर्पण को दर्शाता है।(एएमएपी)