राजस्थान के नए उपमुख्यमंत्री घोषित किए गए प्रेम चंद बैरवा (54) दूदू विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हैं। उन्हें पार्टी की राजस्थान इकाई के दलित चेहरे के रूप में देखा जाता है। इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल नागर को 35,743 वोटों के अंतर से हराया है।

बैरवा को पार्टी की राजस्थान इकाई का दलित चेहरा माना जाता है। बैरवा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से पीएचडी डिग्री धारक हैं। उल्लेखनीय है कि बैरवा को मंगलवार को राजस्थान का उपमुख्यमंत्री बनाया गया। उनके साथ ही दीया कुमारी भी राजस्थान की उपमुख्यमंत्री होंगी, जबकि भजनलाल शर्मा राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे।

बैरवा राजस्थान के दूदू निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा भाजपा विधायक हैं। उन्होंने 2018 में अपनी हार के बाद वापसी की है। 49 वर्षीय विधायक ने 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल नागर को 35,743 वोटों के मामूली अंतर से हराकर सीट जीती थी। इससे पहले, बैरवा ने 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार हजारी लाल नागर को 33,720 वोटों के अंतर से हराकर दूदू निर्वाचन क्षेत्र जीता था। हालांकि, वह 2018 में दूदू निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार बाबू लाल नागर से 14,779 मतों के अंतर से हार गए थे।

राज्य में 200 में से 199 सीट के लिए हुए चुनाव के परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किये जा चुके हैं। 115 सीट पर जीत हासिल कर भाजपा बहुमत हासिल करने में कामयाब रही है। करणपुर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था।

राजस्थान में होंगे दो डिप्टी सीएम

राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलने के अलावा दिया कुमारी और डॉ प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। राजस्थान में सीएम के नाम को लेकर काफी दिनों से चर्चा चल रही थी, जिसपर मंगलवार शाम को विराम लग गई।

राजस्थान में कायम रहा रिवाज

राजस्थान में इस बार फिर तीन दशक पुराना रिवाज कायम रहा। जनता ने कांग्रेस की 5 साल पुरानी सरकार को हटाकर भाजपा को मौका दिया। 25 नवंबर को हुए मतदान में भाजपा ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया। 3 दिसंबर को जब नतीजे सामने आए तो भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस को 69 सीटों से संतोष करना पड़ा।

भाजपा ने घोषित नहीं किया था चेहरा

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी भाजपा इस बार सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी थी। भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी दावेदार के नाम का ऐलान नहीं किया था। भाजपा के सीएम फेस को लेकर लंबे समय से अटकलें लग रहीं थीं। वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत करीब आधा दर्जन नाम चर्चा में बने हुए थे।

कौन है डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा ?

प्रेम चंद बैरवा दूदू से भाजपा के विधायक हैं। दलित परिवार में जन्मे डॉ। प्रेमचंद बैरवा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1995 से की थी। उन्होंने दूदू ब्लॉक संगठन में कार्य किया था। वर्ष 2000 में दूदू के वार्ड 15 से जिला परिषद सदस्य के तौर पर उन्होंने जीत दर्ज कर राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। वह 2008 में जयपुर ग्रामीण दूदू भाजपा मंडल महामंत्री थे। साल 2013 में विधायक के लिए भाजपा ने दूदू एससी वर्ग की आरक्षित सीट पर उन्हें टिकट दिया। इसके बाद 2023 में उन्होंने दूदू विधानसभा सीट से जीत हासिल की। अब प्रेमचंद बैरवा को राजस्थान का डिप्टी सीएम बनाया गया।

प्रेमचंद भैरवा की शैक्षणिक योग्यत

वहीं प्रेमचंद बैरवा की बात की जाए तो वो जयपुर की दूदू सीट से बीजेपी विधायक हैं। वो अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने इस बार कांग्रेस के धाकड़ नेता बाबूलाल नागर के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की है। बैरवा भी काफी पढ़े-लिखें हैं उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है।

दोनों उपमुख्यमंत्रियों के पास सेम डिग्री है। दोनों ही PHD होल्डर

राजस्थान की राजनीति में अचानक ही भाजपा के वरिष्ठ नेता भजनलाल शर्मा की चर्चा होने लगी है। उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। देश में हर कोई पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने जा रहे भजनलाल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता है। उनकी श‍िक्षा से लेकर उनके अनुभवों पर बात भी हो रही है। भजनलाल शर्मा की श‍िक्षा की बात करें तो उन्होंने राजनीति विज्ञान विषय से परा स्नातक  किया है। उनके पास M।A की डिग्री है। उन्होंने एमए पॉलिट‍िक्स की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी  जयपुर से की है। उन्होंने नॉन कॉल‍िजिएट से  1993 में ये डिग्री ली थी

दूदू से बीजेपी विधायक हैं प्रेमचंद बैरवा

प्रेमचंद बैरवा जयपुर के पास की विधानसभा सीट ‘दूदू’ से बीजेपी विधायक हैं। उन्होंने इस बार कांग्रेस के धाकड़ नेता बाबूलाल नागर के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की। बैरवा ने नागर को 35743 वोटों के अंतर से हराया। विधानसभा चुनाव में बैरवा को 116561 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे बाबूलाल नागर को 80818 मत ही मिले। बैरवा इससे पहले 2013 में भी चुनाव जीत चुके हैं।

दलित परिवार से आते हैं प्रेमचंद बैरवा

डॉ। प्रेमचंद बैरवा मौजमाबाद तहसील के श्रीनिवासीपुरा गांव के सामान्य दलित परिवार से आते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ की थी। दूदू ब्लॉक संगठन में 1995 से एक्टिव रहे। इसके बाद साल 2000 में दूदू के वार्ड 15 में उन्होंने जीत दर्ज की। जिला परिषद सदस्य के रूप में उनके राजनीतिक करियर की ये पहली जीत थी। इसके बाद उनके कदम नहीं रुके। साल 2008 में जयपुर ग्रामीण के एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष के तौर पर उन्होंने जिम्मेदारी निभाई। वह दूदू भाजपा मंडल महामंत्री भी रह चुके हैं।

कौन है राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ?

राजस्थान विधानसभा चुनाव में दीया कुमारी ने राजस्थान की विद्याधरनगर सीट पर भारी मतों से जीत हासिल की थी। राजघरान से संबंध रखने वालीं दीया कुमारी को सीएम के रूप में भी देखा जा रहा था। हालांकि चुनाव के वक्त सीएम वाले सवाल पर दीया हर बार केवल इतना ही कहती थीं कि ‘पार्टी का जैसा आदेश होगा, वही काम किया जाएगा।’ मतगणना से पहले आए एग्जिट पोल में दीया कुमारी को सीएम पद के तौर पर 5 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद भी बताया था। बीजेपी ने जब जीत दर्ज कर ली तो दीया कुमारी को डिप्टी सीएम की कमान सौंपी हैं। इनके साथ ही प्रेम चंद बैरवा को भी डिप्टी सीएम बनाया गया है।

दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी की विजयी उम्मीदवार हैं। वो दिवंगत महाराजा सवाई भवानी सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी और मान सिंह द्वितीय और महारानी गायत्री देवी की पोती हैं। मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में जयपुर के महाराजा मान सिंह भी शामिल थे। इसे पहले आमेर और बाद में जयपुर के नाम से जाना गया।

दीया कुमारी ने पति से लिया तलाक

राजस्‍थान की नई उपमुख्‍यमंत्री दीया कुमारी की साल 1994 में नरेन्द्र सिंह से शादी हुई थी। करीब डेढ़ दशक तक यह रिश्‍ता चला। इसके बाद साल 2018 में दोनों ने तलाक ले लिया था। एजुकेशन की बात की जाए तो उन्‍होंने ब्रिटेन जाकर पढ़ाई की हुई है। उन्‍होंने लंदन मेंडेकोरेटिव आर्ट्स में अपनी पढ़ाई पूरी की। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दीया कुमारी को लगभग 70 प्रतिशत वोटों से राजस्थान के राजसमंद निर्वाचन सीट पर जीत मिली थी। मौजूदा विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने उन्‍हें जयपुर की विद्याधर नगर सीट से मैदान में उतारा।

नए शिखर पर शेयर बाजार, निवेशकों को 1.88 लाख करोड़ का मुनाफा

स्‍कूल व होटल की मा‍लकीन हैं दीया कुमारी

राजस्‍थान की नई उपमुख्‍यमंत्री दीया कुमारी किसी आंत्रप्रन्योर से कम नहीं हैं। उनके नाम राजस्‍थान में कई व्यावसायिक उद्यम हैं। वो दो स्कूलों, दो ट्रस्टों और संग्रहालयों, होटलों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का भी नेतृत्व करती हैं। साल 2019 में उन्हें सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्य के रूप में सेवा देने के लिए चुना गया था।

दीया कुमारी का राजनीतिक करियर

राजस्‍थान की नई उपमुख्‍यमंत्री दीया कुमार साल 2013 में पहली बार विधायक बनी। तब उन्‍हें सवाई माधोपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत मिली थी। सवाई माधोपुर शहर की स्थापना 18 वीं शताब्दी में उनके पूर्वज महाराजा सवाई माधो सिंह प्रथम ने की थी। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्‍हें राजस्थान की राजसमंद सीट से लोकसभा जाने का मौका मिला। सांसद होते हुए भी पार्टी ने उन्‍हें राजस्‍थान में 2023 विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्‍मेदारी देने के मकसद से ही उतारा था।(एएमएपी)