These pictures are taken a few steps away from Parliament…
You can suspend 141 MPs, how will you stop thousands of Youth Congress workers!?
— Dakshina Kannada Congress Sevadal (@SevadalDKA) December 20, 2023
लोकसभा से 95 सांसद और राज्यसभा से 46 सदस्य निलंबित
बता दें कि लोकसभा से कुल 95 सांसदों को निलंबित किया गया है। जबकि राज्यसभा से 46 सदस्यों को सस्पेंड किया गया है। इन सांसदों पर संसद की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप है। संसदीय कार्यवाही के बाद इंडिया गठबंधन ने शुक्रवार को देशव्यापी सरकार विरोधी प्रदर्शन का ऐलान किया है। दरअसल, संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर विपक्ष के नेता सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर अड़े हैं और हंगामे कर रहे हैं।
सांसदों के निलंबन पर विपक्ष आक्रमक
संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए गए सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। बुधवार सुबह आईएनडीआईए घटक दलों के सांसदों ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ संसद भवन परिसर में उनके दफ्तर में बैठक की। उसके बाद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने सभी निलंबित सांसदों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि संसद से विपक्षी सांसदों का निलंबन ठीक नहीं है। यह मोदी सरकार की लोकतंत्र विरोधी सोच दिखाता है। हमारी यही मांग है कि गृह मंत्री संसद सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान दें।
#WATCH | On 49 opposition MPs suspended from the Parliament for the remainder of the winter session, NCP (Sharad Pawar faction) MP Supriya Sule says, “We were standing up for the farmers and demanding an enquiry (into the Parliament security breach). Why will you suspend us if we… pic.twitter.com/2spRXxyB2I
— ANI (@ANI) December 19, 2023
देशव्यापी विरोध की चेतावनी
विपक्षी गुट ने सांसदों के निलंबन को ‘अलोकतांत्रिक’ बताया है। जबकि सरकार ने कार्रवाई को उचित ठहराया है। बीजेपी ने निलंबित सांसदों पर लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा सभापति और संसद की संस्था का अपमान करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 141 सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
क्या बोले खड़गे?
खड़गे ने कहा, हमने कई निर्णय लिए हैं, जिनमें से एक निलंबित सांसदों पर है। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। यह गलत है। हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं। हमने 22 दिसंबर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। हमने एक प्रस्ताव पारित किया है कि निलंबन अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को लड़ना होगा। हम सभी ऐसा करने के लिए तैयार हैं।
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यह नियम रहेंगे लागू
– निलंबित सदस्य चैंबर, लॉबी और गैलरी में प्रवेश नहीं कर सकते।
– संसदीय समितियों की बैठकों से निलंबित किया गया है, जिसके वे सदस्य हो सकते हैं।
– उनके निलंबन की अवधि के दौरान दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है।
– वे अपने निलंबन की अवधि के दौरान होने वाले समितियों के चुनावों में मतदान नहीं कर सकते।
– शेष सत्र के लिए सदन की सेवा से निलंबित किया गया है, ऐसे में निलंबन की अवधि के दरम्यान दैनिक भत्ते के हकदार नहीं होंगे। ड्यूटी के स्थान पर उनका रहना धारा 2 (डी) के तहत ‘ड्यूटी पर निवास’ के रूप में नहीं माना जा सकता है। (एएमएपी)