केन्‍द्र सरकार के फैसले के बाद हिट एंड रन कानून में किए गए संशोधन का देशभर में विरोध दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी है। नए साल के पहले ही दिन से कई राज्यों में पेट्रोल, डीजल के लिए बवाल मचा। वहीं, ट्रकों, टैंकरों ने भी विरोध स्‍वरूप चक्का जाम कर दिया है। इससे पेट्रोल और डीजल की सप्लाई प्रभावित हो रही है। जहां भी पेट्रोल और डीजल उपलब्ध है, उन पंपों पर लंबी लाइन लग गई है। इसकी वजह यह डर है कि कहीं यहां भी पेट्रोल और डीजल खत्म न हो जाए। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, यूपी, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, एमपी और राजस्थान एवं गुजरात समेत देश के सभी राज्यों में यही हाल है।

क्‍यों हो रहा विरोध ?

दरअसल, ट्रक ड्राइवर, कैब चालत एवं अन्य कॉमर्शियल गाड़ियां चलाने वालों का कहना है कि हिट एंड रन का कानून बेहद खतरनाक है। इसमें हादसे के बाद ड्राइवर के खुद या गाड़ी समेत भागने पर 10 साल  तक की सजा और 7 लाख रुपये तक के फाइन का प्रावधान है। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में कोई हादसा हुआ तो हमारा शोषण होगा। कई ड्राइवरों ने कहा कि हम कुछ भी कर लेंगे, लेकिन यह पेशा छोड़ ही देंगे। ऑल पंजाब ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष हैपी सिद्धू ने कहा कि यह काला कानून है, जो ट्रक वालों को बर्बाद कर देगा।

अटकी तेल सप्लाई

ड्राइवरों के आंदोलन में टैंकरों के हजारों चालक भी शामिल हैं। इसकी वजह से जहां-तहां टैंकर अटके हुए हैं और पेट्रोल पंपों तक ईंधन नहीं पहुंच रहा है। कई शहरों और राज्यों में इसकी वजह से तेल संकट दिख रहा है। हिमाचल के तो कई शहरों में नए साल के पहले ही दिन तेल खत्म हो गया। महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पेट्रोल पंपों में आज शाम तक संकट बढ़ सकता है। पेट्रोल पंप डीलर्स ने यह बात कही है। एसोसिएशन के सेक्रेटरी अकील अब्बास ने कहा, ‘ईंधन लेकर आने वाले टैंकरों के ड्राइवर भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं।’

हिमाचल में टूरिस्ट मुश्किल में

हिमाचल में टूरिज्म सेक्टर भी तेल की कमी से प्रभावित हो रहा है। यहां पर्यटकों को वाहन ही नहीं मिल रहे हैं क्योंकि टैक्सी ड्राइवर भी आंदोलन में शामिल हैं। ड्राइवरों का आंदोलन पटना से लेकर पुणे तक चल रहा है। इन चालकों का कहना है कि यदि किसी हादसे पर हम लोगों को 10 साल की सजा मिलेगी तो फिर परिवार कौन चलाएगा। नवी मुंबई में तो एक जगह ट्रक ड्राइवरों ने पुलिस वालों पर ही हमला बोल दिया। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया तो भीड़ छंट गई।

प्रदर्शनों से मचा हाहाकार

ट्रांसपोर्टर यूनियनों की हड़ताल का असर उत्तर भारत के पंजाब से लेकर मध्य भारत में महाराष्ट्र तक देखा जा रहा है। यहां पेट्रोल टैंकरों के न पहुंच पाने से कई पेट्रोल पंप खाली हो गए। माना जा रहा है कि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में सब्जी और दूध के दाम भी बढ़ सकते हैं। कई जिलों में तो मंगलवार शाम को ही तेल की आपूर्ति न होने का अनुमान लगाया गया है।

आम जन-जीवन प्रभावित

ड्राइवरों की हड़ताल के चलते लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। माल ढुलाई ना होने से कई जगहों पर जरूरी सामान की कमी हो गई है और कुछ पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल भी नहीं मिल रहा है। कई जगहों पर पेट्रोल खत्म होने की अफवाह फैल रही है, जिसकी वजह से लोग कमी को देखते हुए अपने वाहनों में पेट्रोल भरवा रहे हैं, इससे पेट्रोल पंपों पर लंबी लंबी कतारें लग गई हैं।

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परिवहन मंत्री का बयान

परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि कोई भी कानून दोषी-अपराधी के लिए बनता है। इस एक्ट में कहां है कि अगर दुर्भाग्य से दुर्घटना होती भी है तो सजा होगी ही। हिट एंड रन में आप दुर्घटना करके भाग जाते हैं, यातना देकर चले जाते हैं, उन परिस्थितियों में आप दोषी हैं। सड़क पर दुर्घटना का अंदेशा हमेशा रहता है। अगर इन्फॉर्मर आप बनते हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। गलत तरीके से कानून को समझाया जा रहा है। चीज़ों को समझना होगा, जल्दबाजी में हड़ताल चक्काजाम करना गलत है। यूनियन को सरकार के साथ बैठकर बात करनी चाहिए।(एएमएपी)