आपका अखबार ब्यूरो।
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में नया अभियान शुरू किया है। एक मुट्ठी चावल। पार्टी के कार्यकर्ता अगले पंद्रह दिनों में राज्य के सभी चालीस हजार से ज्यादा गांवों में घर घर जाएंगे और एक मुट्ठी चावल का दान लेंगे। इसे इकट्ठा करके जगह जगह सामूहिक सहभोज का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम एक साथ कई सवालों/आरोपों के जवाब ही नहीं देता, ममता बनर्जी के लिए चुनौती भी खड़ा करता है।
दिसंबर में भी इसी तारीख को आये थे नड्डा
बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही चुनाव अभियान शुरू हो गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को राज्य के वर्धमान जिले में थे। उन्होंने एक मुट्ठी चावल अभियान की शुरुआत की। वर्धमान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस और नजरुल इस्लाम की धरती है। जेपी नड्डा दिसम्बर में भी नौ तारीख को ही बंगाल के दौरे पर आए थे। तब उनके काफिले पर हमला हुआ था। हमले की जवाबदेही तय करने के लिए केंद्र सरकार और ममता के बीच अधिकारियों के तबादले और उन्हें दिल्ली तलब किए जाने पर काफी विवाद हुआ। इस बार ममता और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नड्डा का विरोध करने की हिम्मत नहीं हुई।
बर्धमान में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी। ये भीड़ ही पश्चिम बंगाल में बदलाव का प्रतीक बनेगी। अब ममता राज का अंत नजर आ रहा है।#KrishokSurokhaAbhijan pic.twitter.com/VYFMauFvjK
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) January 9, 2021
तृणमूल नेताओं के घर पहुंचा केन्द्र का भेजा राशन
वर्धमान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बंगाल के लोगों ने मन बना लिया है कि अब दीदी की विदाई करना है। उन्होंने कहा कि ममता जी को भी समझ में आ रहा है कि उनकी जमीन खिसक रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने जो राशन भेजा वह आम लोगों तक पहुंचने की बजाय तृणमूल के नेताओं के घर पहुंच गया। अम्फन तूफान के लिए केंद्रीय सहायता में हुए घोटाले का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि तृणमूल मतलब त्रिपाल चोर। एक मुट्ठी चावल के भाजपा के अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सामाजिक समरसता का कार्यक्रम है।
नेताजी शताब्दी वर्ष की तैयारी
ममता ने भाजपा के खिलाफ सबसे बड़ा मुद्दा बनाया कि बाहरी लोग हैं। इनको बंगाल की संस्कृति की कोई जानकारी या समझ नहीं है। उसके बाद से भाजपा ने बंगाल की संस्कृति से जुड़े प्रतीकों को अपने कार्यक्रमों का प्रमुख हिस्सा बनाया। इससे ममता का यह मुद्दा कमजोर पड़ रहा है। शनिवार को ही केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का शताब्दी वर्ष मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चौरासी सदस्यों की एक समिति गठित का गठन किया गया। इसकी शुरुआत तेइस जनवरी को नेताजी के जन्म दिन से होगी। यह पूरे साल चलेगा।
पहले अड़ीं फिर झुकीं दीदी
बंगाल में भाजपा के आक्रामक तेवर के कारण तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बचाव की मुद्रा में हैं। किसानों के मुद्दे पर ममता मोदी सरकार को तो नहीं घेर पाईं लेकिन किसान सम्मान निधि के मुद्दे पर भाजपा पश्चिम बंगाल सरकार को घेरने में सफल नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि की शुरुआत की थी। इसके तहत राज्य सरकारें लाभार्थी किसानों की सूची और उनके बैंक खाते का विवरण केंद्र को उपलब्ध कराती हैं और केंद्र सरकार यह पैसा सीधे उनके खाते में भेज देती है। बंगाल के अलावा देश के सभी राज्यों में यह योजना लागू हो गई है। ममता इस बात पर अड़ी हुई थीं कि केंद्र पैसा उन्हें दे और वे किसानों को देंगी। पर भाजपा के हमलावर तेवर और उसको मिलते समर्थन के कारण उनको झुकना पड़ा। इस हफ्ते उन्होंने डीबीटी योजना को नोटीफाई कर दिया। कहा जा रहा है कि वे जल्दी ही लाभार्थी किसानों की सूची केंद्र सरकार को भेजने वाली हैं।
बंगाल में अलकायदा का प्रवेश : राज्यपाल
Delegation led by Hooghly MP @me_locket called on me today to apprise of horrific situation concerning Shimulia Anandamath Juvenile Home in Purulia and similar correctional homes @MamataOfficial
Serious concern was expressed at violation of child rights & illegal activities. pic.twitter.com/tzqYDxVL8y
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) January 7, 2021
इस बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले। अमित शाह से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में अलकायदा का प्रवेश हो चुका है। घरों में बम बनाने का काम हो रहा है। उनके मुताबिक राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत नाजुक है। राज्यपाल पहले भी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जता चुके हैं। वे बार बार कह रहे हैं कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है।