बयान में आगे कहा गया, ‘स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए और लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।’ वहीं सूत्रों के मुताबिक वीएचपी का कहना है कि अगर कांग्रेस नहीं आना चाहती तो यह उनकी मर्जी है। हमने न्योता भेजा है, अगर वे नहीं आना चाहते तो कोई बात नहीं।
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22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा
दरअसल, 22 जनवरी की दोपहर नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे। इस दिन देशभर से अध्यात्म, सिनेमा, खेल, विज्ञान और सियासत से जुड़ी लोग कार्यक्रम में सम्मलित होंगे। इससे पहले पवित्र नगरी को भव्य और दिव्य बनाया जा रहा है। मंदिर तक जाने वाले सड़क और यहां पड़ने वाले चौराहों को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। आम जनता के लिए भगवान के दरबार 23 जनवरी से खुलेंगे।(एएमएपी)