मध्य प्रदेश रहा देश का दूसरा सबसे स्वच्छ राज्य
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा दिए गए स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। आपको बता दें कि इंदौर ने लगातार सातवें साल यह पुरस्कार जीता है। सूरत को पहली बार यह सफलता मिली है। इसके अलावा, नवी मुंबई को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। गुरुवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण अवॉर्ड सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहरों और राज्यों के प्रतिनिधियों को पुरस्कार सौंपे। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति ने सीएम मोहन यादव को अवार्ड सौंपा।
एमपी के 6 और छत्तीसगढ़ के पांच शहरों को मिला अवार्ड
एमपी के 6 और छत्तीसगढ़ के पांच शहरों को अवार्ड मिले हैं। वहीं, भोपाल को गार्बेज फ्री सिटी का अवार्ड मिला है। वहीं मध्यप्रदेश के अमरकंटक, महू और बुधनी को भी नेशनल अवॉर्ड मिला है। महाराष्ट्र को सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार मिला है। इसके बाद मध्य प्रदेश का स्थान आता है। चंडीगढ़ ने स्वच्छता कर्मचारियों के लिए सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों वाले शहर का पुरस्कार जीता है। इसे सफाईमित्र सुरक्षित शहर का नाम दिया गया है। वाराणसी को सबसे स्वच्छ गंगा शहर का खिताब दिया गया। वहीं, प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। जनसंख्या के हिसाब से नोएडा को भी पुरस्कार मिला है। बता दें कि 2016 में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत यह अभियान चलाया गया था। साल 2023 के पुरस्कारों के लिए 4,416 शहरी स्थानीय निकाय, 61 छावनियां और 88 गंगा शहर शामिल थे।
CM MOHAN YADAV
पीएम मोदी ने भी की थी इंदौर की तारीफ
इंदौर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि दूसरे शहर जब किसी बात को करने का सोचते हैं, इंदौर उसे कर चुका होता है। आज जब देश के दूसरे शहर स्वच्छता का महत्व समझकर इसे अपनाने के बारे में विचार कर रहे हैं, हम स्वच्छता का सातवां आसमान छू चुके हैं। स्वच्छता को लेकर कहा जाता है कि यहां के लोगों की सिर्फ आदत नहीं, बल्कि त्योहार और संस्कार है।
इंदौरवासियों की आदत बन चुकी स्वच्छता : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने “स्वच्छता सर्वेक्षण में सातवीं बार इंदौर के प्रथम आने पर मध्यप्रदेश और इंदौर वासियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा, इंदौरवासियों ने पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि अब उनकी सोच में भी स्वच्छता ही है। स्वच्छता की इस सबसे बड़ी उपलब्धि पर मैं समस्त प्रदेशवासियों एवं स्वच्छता के कार्य में लगी पूरी टीम, स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बधाई देता हूं एवं अपील करता हूं कि स्वच्छता के लिए आपका यह जुनून कभी कम न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सदैव कटिबद्ध है।
इस वजह से सफाई में नंबर-1 है इंदौर
इंदौर शहर में प्रतिदिन अल सुबह से ही सड़कों पर निगमकर्मी सफाई के लिए जुट जाते हैं। रात 3 बजे के बाद से यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है। कई बार देर रात के आयोजन में उसी वक्त सड़कों की सफाई की जाती है। इस तरह दिन हो या रात हर समय सफाईकर्मी शहर को स्वच्छ बनाने के लिए जुटे रहते हैं। निगम ने इटली और अमेरिका से मैकेनाइज्ड और ऑटोमैटिक मशीनों को बुलवाया है। इससे शहर के हाईवे से लेकर संकरी गलियों तक को साफ किया जाता है। यह धूल तक को साफ कर देती हैं। जिन सड़कों पर अधिक धूल दिखती है वहां पर निगम के टैंकरों से पानी डालकर सड़कों को धोया जाता है। प्रेशर वाटर की मदद से सड़कों को चमकाने का काम भी किया जाता है। शहर में मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। इसके बावजूद सड़कों पर कहीं भी कचरा नजर नहीं आता है। (एएमएपी)