मिसाइल ने उड़ान परीक्षण में सभी उद्देश्यों को पूरा करके बनाया लक्ष्य को निशाना
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को नई पीढ़ी की आकाश-एनजी मिसाइल का उड़ान परीक्षण सुबह 10:30 बजे ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से किया। मिसाइल को बहुत कम ऊंचाई पर एक उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए दागा गया। उड़ान परीक्षण के दौरान हथियार प्रणाली ने लक्ष्य को सफलतापूर्वक रोककर उसे नष्ट कर दिया। आकाश-एनजी सतह से हवा में मार करने वाली पुरानी आकाश मिसाइलों का उन्नत संस्करण है।
DRDO conducted a successful flight test of the New Generation AKASH (AKASH-NG) missile today. The test was conducted at 10:30 AM from the Integrated Test Range, Chandipur off the coast of Odisha against a high-speed unmanned aerial target at very low altitude. During the flight… pic.twitter.com/9EluL1OQUg
— ANI (@ANI) January 12, 2024
मिसाइल ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को किया पूरा
लड़ाकू विमानों को रोकने के लिए किया गया विकसित
डीआरडीओ की हैदराबाद में स्थित रिसर्च सेंटर इमारत ने आकाश-एनजी हथियार प्रणाली को उच्च युद्धाभ्यास क्षमता और कम रडार क्रॉस-सेक्शन (आरसीएस) वाले उन्नत लड़ाकू विमानों को रोकने के लिए विकसित किया है। इसका निर्माण भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने किया है। इसके साथ ही बीडीएल आरएफ उत्पादन की क्षमता रखने वाली दुनिया भर की कंपनियों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो चुका है। डीआरडीओ के मुताबिक आरएफ सीकर आकाश-एनजी को लक्ष्य पर लॉक करने में मदद करता है, जिससे दुश्मन के लड़ाकू विमानों के लिए आने वाली मिसाइलों से बचना मुश्किल हो जाता है। रक्षा मंत्रालय ने भी स्वदेशी रूप से विकसित आरएफ सीकर, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड, कंट्रोल और मिसाइल से युक्त संपूर्ण हथियार प्रणाली को मान्य किया है।
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