नेपाल से 1100 उपहार भेजे गए अयोध्या
माता जानकी के मायके नेपाल से भी 1100 उपहार भेजे अयोध्या भेजे गए हैं। मान्यता है कि शुभ मौके पर बेटी के घर उपहार भेजे जाते हैं। इसी के चलते नेपाल से 1100 उपहार अयोध्या पहुंच चुके हैं। इन उपहारों में माता जानकी के जेवर, चांदी की चरण पादुकाएं और पकवान आदि शामिल है। नेपाल में राम मंदिर के आयोजन को लेकर खास उत्साह है। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग उपहार पहुंचने का सिलसिला जारी है।
गुजरात से भेजी गई 108 फीट लंबी अगरबत्ती
गुजरात से 108 फीट लंबी अगरबत्ती भेजी गई है। ये अगरबत्ती वडोदरा में छह महीने में तैयार की गई है और इसका वजन 3,610 किलोग्राम है। लगभग 3।5 फीट चौड़ी है। लखनऊ के सब्जी विक्रेता ने अनूठा घड़ी डिजाइन करवाई है और अयोध्या भेजी है। ये घड़ी एक ही समय में आठ देशों का समय बताती है। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान 200 किलोग्राम लड्डू अयोध्या भेजने की तैयारी कर रहा है। तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर ने भी घोषणा की है कि वो भक्तों को वितरण के लिए एक लाख लड्डू भेजेगा।
सोने-चांदी की परत से तैयार नगाड़ा पहुंचा अयोध्या
इसी तरह, गुजरात से 500 किलोग्राम वजन का एक ‘नगाड़ा’ (ड्रम) विशेष रथ में अयोध्या पहुंच गया है। गुरुवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि गुजरात के कर्णावती के दरियापुर विस्तार में डबगर समुदाय ने ‘नगाड़ा’ बनाया है। प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन डगबर समाज के चार लोग नगाड़े को मंदिर के अंदर बजाएंगे। इस नगाड़े पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई गई है। इसे तैयार करने में लोहे और तांबे का इस्तेमाल हुआ है। इसके हजारों वर्षों तक चलने की उम्मीद है।
लोहे और तांबे की प्लेटों से तैयार किया नगाड़ा
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ड्रम को राम मंदिर परिसर में रखा जाएगा। ड्रम को यहां लाने वाले समूह के सदस्य चिराग पटेल ने कहा, इसे सोने और चांदी की परतों से सजाया गया है। ड्रम का स्ट्रक्चर लोहे और तांबे की प्लेटों से तैयार किया है। इसके अलावा, एटा से 2400 किलो का एक घंटा अयोध्या पहुंचा है। इस घंटे की आवाज 10 किलोमीटर तक जाएगी। 51 किलोग्राम वजन वाली सात और घंटियां भी मंदिर के लिए ट्रस्ट को भेंट की गईं हैं।
कन्नौज से आया स्पेशल इत्र
अपने सुगंध उद्योग के लिए प्रसिद्ध यूपी के कन्नौज से कुछ कारोबारियों ने राम लला के लिए विशेष इत्र तैयार करवाए हैं। ये इत्र अयोध्या पहुंच गए हैं। इत्र को रथ के जरिए अयोध्या भेजा गया। गुलाब से गुलाब जल तैयार किया गया है जिसका उपयोग रामलला को स्नान कराने में किया जाएगा। उसके बाद भगवान के चारों ओर सुगंधित वातावरण बनाने के लिए कन्नौज के प्रसिद्ध इत्र ‘अतर मिट्टी’, ‘अत्तर मोतिया’, ‘रूह गुलाब’, चंदन का तेल और मेंहदी का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा सर्दी को ध्यान में रखते हुए कन्नौज के इत्र निर्माताओं ने रामलला के लिए ‘अत्तर शमामा’ भी तैयार किया है जो ठंड से बचाने में मदद करता है। इस विशेष इत्र को बनाने में जड़ी-बूटियों के मिश्रण का भी इस्तेमाल किया गया है।
विहिप नेता भेंट करेंगे वाद्य यंत्र
अयोध्या के कारसेवकपुरम में आदित्य मित्तल, मनोज, रिशांक, प्रशांत मित्तल और करीब 500 भक्तों ने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय को घंटियां सौंपीं। गुजरात विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक रावल ने मंदिर ट्रस्ट को एक पत्र भेजा है और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट स्वीकार करने का अनुरोध किया है।(एएमएपी)