राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। लगातार हार से कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं का विश्वास डगमगाने लगा है। यही वजह है कि हाल के सालों में पार्टी के कई बड़े नामों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अब इस कड़ी में राहुल के करीबी दोस्त माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। इसके साथ ही सबसे पुरानी पार्टी के साथ उनके परिवार का 55 साल का रिश्ता खत्म हो गया। वहीं, पार्टी के कुछ नेता उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करने की सलाह दे रहे हैं, तो वहीं कुछ उनपर जमकर हमला बोल रहे।

देवड़ा ने की इस्तीफे की घोषणा

देवड़ा ने अपने इस्तीफे की घोषणा से पहले कहा कि “आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।” वहीं, अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि देवड़ा एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इन खबरों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि अगर देवड़ा शिवसेना में शामिल होने का फैसला करेंगे तो पार्टी उनका स्वागत करेगी। वहीं, उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने कह दिया है कि दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर कोई समझौता नहीं होगा।

भाजपा ने कांग्रेस पर कसा तंज

देवड़ा के इस्तीफे के बाद भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा है। भाजपा ने कहा है कि राहुल गांधी को ‘न्याय यात्रा’ निकालने से पहले अपनी पार्टी के नेताओं के साथ न्याय करना चाहिए। बीजेपी आईटी सेल के अमित मालवीय ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट में कहा, “राहुल गांधी को पहले अपनी पार्टी के नेताओं के साथ न्याय करना चाहिए। न्याय यात्रा बाद में।” भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अमित मालवीय की टिप्पणी को दोहराया और कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस के उन नेताओं को न्याय देना चाहिए जो एक-एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “बेहतर होगा कि राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के बजाय ‘कांग्रेस के नेताओं की न्याय यात्रा’ शुरू करें। ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ होनी चाहिए क्योंकि उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक कांग्रेस के नेता एक दूसरे से लड़ रहे हैं और पार्टी छोड़ रहे हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिभा-मुक्त क्षेत्र बन गई है।”

जानिए कांग्रेस नेताओं ने क्‍या कहा?

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने उस दिन पार्टी छोड़ने का फैसला लिया, जिस दिन राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ हिंसाग्रस्त मणिपुर से शुरू हो रही है। गायकवाड़ ने कहा कि देवड़ा को अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने देवड़ा के इस्तीफे को भारत जोड़ो न्याय यात्रा से ध्यान हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की एक चाल बताया। साथ ही उन्होंने देवड़ा का ‘दो बार हारा उम्मीदवार’ कहकर मजाक उड़ाया। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि देवड़ा दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे।

क्‍या बोले जयराम रमेश?

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि गत शुक्रवार को ही उनकी देवड़ा के साथ फोन पर बातचीत हुई थी। वह अपनी पूर्व की लोकसभा सीट (दक्षिण मुंबई) को लेकर परेशान थे और राहुल गांधी से बात करना चाहते थे रमेश ने आरोप लगाया कि मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे की घोषणा का समय स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री ने तय किया है। रमेश ने देवड़ा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मैं मिलिंद के दिवंगत पिता मुरली देवड़ा के साथ अपने लंबे वर्षों के जुड़ाव को बड़े ही सुखद तरीके से याद करता हूं। सभी राजनीतिक दलों में उनके करीबी दोस्त थे। पर वह एक अटल और दृढ़ कांग्रेसी थे, जो हर मुश्किल परिस्थिति में हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे।’

देवड़ा परिवार का रहा कांग्रेस से पुराना रिश्ता

मिलिंद देवड़ा और उनके परिवार का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से लंबा रिश्ता रहा है। मिलिंद के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे और वह यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्री रहे। मुरली देवड़ा तीन बार दक्षिण मुंबई सीट से लोकसभा सांसद रहे। बीते पांच दशकों से देवड़ा परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा है। मुरली देवड़ा को पूर्व पीएम राजीव गांधी का करीबी माना जाता था और साल 1999 में महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार को सत्ता में लाने में उनकी अहम भूमिका थी। मिलिंद देवड़ा का कांग्रेस से इस्तीफे एक युग का अंत माना जा रहा है।

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देश के सबसे युवा सांसदों में

मिलिंद देवड़ा का जन्म चार दिसंबर 1976 को मुंबई में हुआ। मिलिंद अपने पिता की राह पर चलते हुए राजनीति में आए और कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। मिलिंद देवड़ा ने साल 2004 में दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और उनका नाम देश के सबसे युवा सांसदों में भी शुमार है। इसके बाद वह 2009 के लोकसभा चुनाव में भी दक्षिण मुंबई सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहे।

मंत्री भी रहे चुके मिलिंद देवड़ा

यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मिलिंद देवड़ा केंद्रीय नौका परिवहन मंत्रालय और कम्यूनिकेशन एंड आईटी मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रहे। मिलिंद कांग्रेस में अखिल भारतीय संयुक्त कोषाध्यक्ष और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मिलिंद देवड़ा की खेलों में भी रुचि है और वह क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया और बॉम्बे जिमखाना आदि के सदस्य भी हैं। (एएमएपी)