कच्चे तेल के दाम और रुपए का उतार-चढ़ाव भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा
विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल तथा कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ अमेरिका और चीन के व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर सभी की नजर रहेगी। भूराजनीतिक तनाव की वजह से बाजार में अनिश्चितता रहेगी। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों से अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लगा है। दिसंबर माह की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार महीने के उच्चस्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहीं नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि आठ माह के निचले स्तर 2.4 प्रतिशत पर आ गई है।
इस संबंध में बाजार विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस सप्ताह बाजार दिसंबर तिमाही के नतीजों और भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़ों से संकेत लेगा। एक अन्य विश्लेषक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे बाजार को दिशा देने में मुख्य भूमिका निभाएंगे। वैश्विक बाजारों का रुझान, घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, कच्चे तेल की कीमतें और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल भी बाजार की दिशा तय करेगी।
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा एफपीआई और डीआईआई के निवेश पर भी सभी की निगाह रहेगी। विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद अपने तिमाही नतीजों की घोषणा की थी। ऐसे में सभी का ध्यान इन कंपनियों के शेयरों पर रहेगा।(एएमएपी)