देश की सबसे बड़ी फ्लोटिंग स्क्रीन पर देखेंगे श्रद्धालु कार्यक्रम
विशाखापट्टनम से आए 70 से अधिक कारीगर पूरा कर रहे काम

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या नगरी पूरी तरह से सज-संवर रही है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में नव्य, भव्य व दिव्य अयोध्या सज रही है। महज 7 दिन बाद दुनिया उस पल का दीदार करेगी, जिसका 500 वर्षों से इंतजार था। आयोजन भव्यतम है तो इसका दीदार भी दिव्यतम होना चाहिए। इसी परिकल्पना के साथ योगी सरकार की मंशानुरूप यहां फ्लोटिंग स्क्रीन का निर्माण कराया जा रहा है। दावा है कि यह देश की सबसे बड़ी फ्लोटिंग स्क्रीन है, जो अयोध्या के विकास गाथा की अलग कहानी भी बयां करेगी। इसके लिए नगर निगम व सेंचुरी हॉस्पिटैलिटी-मेगावर्स एसोसिएट के मध्य अगस्त में एमओयू हुआ था। इस पर 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा औऱ उसके बाद अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों को करीब से आगंतुक-पर्यटक व स्थानीय नागरिक देख सकेंगे।

1100 स्क्यवायर फ़ीट की लगेगी फ्लोटिंग स्क्रीन

दरअसल, योगी आदित्यनाथ की सांस्कृतिक अयोध्या सजाने की थीम को इसके जरिए देश-दुनिया से आने वाले अधिक से अधिक लोग जानें, ऐसा प्रयास हो रहा है। इसका निर्माण कराने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक अक्षय आनंद ने बताया कि यह देश की अब तक की सबसे बड़ी फ्लोटिंग स्क्रीन होगी। 1800 स्क्वायर फीट की वेसेल का निर्माण इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) की देखरेख में चल रहा है। इसकी स्क्रीन 1100 स्क्यवायर फ़ीट की होगी। अयोध्या के चौधरी चरण सिंह घाट पर नवंबर के प्रथम सप्ताह में इसका निर्माण शुरू हुआ था, बाद में इसे आरती घाट पर लगाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम से अगस्त में एमओयू किया गया था।

सांस्कृतिक अयोध्या की थीम को अवलोकित करेगा फ्लोटिंग स्क्रीन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 थीम पर अयोध्या को प्रकाशमान करने की योजना बनाकर यहां का निरंतर विकास सुनिश्चित करा रहे हैं। इसी क्रम में सांस्कृतिक अयोध्या के दृष्टिगत भी इसे नई उड़ान दी जा रही है। इसके दृष्टिगत इस स्क्रीन पर सबसे पहले 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का प्रसारण होगा, इसके बाद यहां अयोध्या की आध्यात्मिक सांस्कृतिक, पौराणिक गाथा व महत्ता का दृश्यांकन होगा। साथ ही यहां अन्य आयोजनों से जुड़े कार्यक्रम भी दिखाए जाएंगे।

रिकॉर्ड समय में पूरा होगा काम

आनंद के मुताबिक इसके निर्माण में काफी समय लगता है। इसमें विशाखापट्टनम के 60-70 से कारीगर लगे हैं। रात-दिन काम कराकर इसे रिकॉर्ड समय (19 जनवरी) में पूरा करा लिया जाएगा। पीएम मोदी व सीएम योगी के मेड इन इंडिया की अवधारणा के अनुरूप ही इस पर काम हो रहा है। अभी यह बायोडीजल से संचालित की जाएगी, लेकिन योजना है कि अग्रिम दिनों में इसे सोलर से संचालित किया जाए। फिलहाल इसे चौधरी चरण सिंह घाट से लक्ष्मण घाट तक लगभग तीन किमी. दूरी में गहरे जल के समीप ही संचालित किया जाएगा, लेकिन सरयू के जल के प्रवाह के मद्देनजर इस फ्लोटिंग स्क्रीन का दायरा भी बढ़ता जाएगा।

फ्लोटिंग रेस्तरां का भी जल्द होगा निर्माण

प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत पांच हजार वर्ग फीट के फ्लोटिंग रेस्तरां के निर्माण की भी योजना है। इसे लेकर एमओयू हो चुका है। फ्लोटिंग स्क्रीन के सफल संचालन के बाद कंपनी इस योजना पर कार्य शुरू करेगी। आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह रेस्तरां अयोध्या आने वाले पर्यटकों को आधुनिक सुविधाओं का आभार कराएगा। रेस्तरां में भी खानपान, संस्कृति के साथ ही ऐसी स्क्रीन लगाई जाएगी, जिस पर राम की गाथा-कथा आदि की भी प्रस्तुति होगी।

अभेद्य होगी रामनगरी की सुरक्षा

सीएम योगी अयोध्या धाम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अति संवेदनशील हैं। ऐसे में धाम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए योगी सरकार थल, नभ और जल से रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर रही है। इसके तहत मैनुअल एजेंसियों की तैनाती के साथ टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। योगी सरकार ने जहां धाम में एटीएस, एसटीएफ, पीएसी, यूपीएसएसएफ समेत यूपी पुलिस की भारी-भरकम फोर्स को तैनात किया है, वहीं टेक्नोलॉजी के लिहाज से एआई, एंटी ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है। वहीं सरयू नदी और घाटों पर एनडीआरएफ की टुकड़ी को तैनात किया गया है। इसके साथ ही अयोध्या में मेहमानों की सुरक्षा के लिए बार कोडिंग का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।

फोर्स को दी जा रही बिहेवियर ट्रेनिंग

अयोध्या आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर अयोध्या में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। इसके अलावा धाम की सुरक्षा को लेकर इसे दो जोन रेड और यलो में बांटा गया है। केंद्रीय एजेंसी में सीआरपीएफ, एनडीआरएफ भी तैनात की गई है। साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ का भी सहयोग लिया जा रहा है। धाम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक डीएसपी, लगभग 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षकों को तैनात किया गया है जबकि मुख्य समारोह से पहले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवान तैनात किये जाएंगे। वहीं वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर के साथ एक हजार से ज्यादा कॉस्टेबल और 4 कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है।

धाम में तैनात फोर्स को दी जा रही बिहेवियर ट्रेनिंग

आईजी ने बताया कि कार्यक्रम को देखते हुए और फोर्स को बढ़ाया जा रहा है। वहीं किसी भी स्थिति में चूक की कोई गुंजाइश न रहे इसके लिए सुरक्षा कार्य में लगी सभी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय हो इस पर भी फोकस किया जा रहा है। चाक-चौबन्द रेल सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। जीआरपी को पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबल दिए गए हैं। धाम में तैनात फोर्स को श्रद्धालुओं और मेहमानों के साथ व्यवहार को लेकर बिहेवियर ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही श्रद्धालुओं को दर्शनीय स्थलों की जानकारी देने के लिए 250 पुलिस गाइड की तैनाती की गई है। इसके अलावा 14 जनवरी को डिजिटल टूरिस्ट एप को लांच किया जाएगा।

अयोध्या धाम को 12 एंटी ड्रोन सिस्टम से किया गया लैस

योगी सरकार धाम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। इसके तहत नगर निगम के आईटीएमएस, पुलिस के माध्यम से सीसीटीवी, कन्ट्रोल रूम एवं पब्लिक सीसीटीवी के माध्यम से पूरे शहर की निगरानी की जा रही है। इसके लिए पब्लिक सीसीटीवी के 1500 कैमरों को आईटीएमएस से इन्टीग्रेट किया गया है। वहीं यलो जोन में 10,715 स्थानों पर चेहरा पहचान एआई आधारित बडी स्क्रीनें आईटीएसमएस से इन्टीग्रेट की गई हैं। साथ ही ओएफसी लिंक कैमरों की व्यवस्था की गई है। पूरी सुरक्षा व्यवस्था में एआई तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अमेरिका में भारी उत्‍साह, सड़कों पर लगे होर्डिंग

एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय

इसके साथ ही एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय मोड पर है। एंटी ड्रोन सिस्टम के माध्यम से अति संवेदनशील अयोध्या के रेड और येलो जोन को सुरक्षित किया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से 5 किलोमीटर की परिधि में उड़ने वाले किसी भी ड्रोन को लोकेट किया जा सकेगा। यह एंटी ड्रोन सिस्टम इजराइल की कंपनी द्वारा निर्मित विश्व का आधुनिकतम तकनीक वाला है। इसके माध्यम से किसी भी ड्रोन को निष्क्रिय किया जा सकता है। पूरे धाम को 12 एंटी ड्रोन सिस्टम से लैस किया गया है। इसके माध्यम से जल, थल और नभ में चल रही सारी गतिविधियों को देखा जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान वीआईपी की सुरक्षा और उन्हे कोई परेशानी न हो, इसके लिए बार कोड का इस्तेमाल किया जा रहा है।(एएमएपी)