इस मुद्दे पर पार्टी के रुख से हुए दुखी
कांग्रेस में लंबे समय तक अलग-अलग पदों पर काम कर चुके चावड़ा तीन बार विधायक रहे हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के वरिष्ठ और निष्ठावान नेता के रूप में होती रही। अब अचानक उनके इस्तीफे से पार्टी को झटका लगा है। चावड़ा ने बताया कि क्यों उन्होंने कांग्रेस से खुद को अलग कर लिया है। चावड़ा ने कहा कि वह पूरे देश में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह का माहौल है, लेकिन इस मुद्दे पर पार्टी के रुख से वह दुखी थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकराए जाने पर पर पार्टी के कुछ और नेताओं ने भी नाराजगी जाहिर की है।
चावड़ा ने की पीएम मोदी की तारीफ
उन्होंने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में G20 का सफल आयोजन हुआ है, देश सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रहा है। गुजरात के दो नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह देश को वैश्विक फलक पर आगे बढ़ा रहे है, ऐसे में उन्हें नुक़सान पहुंचाना ठीक नहीं है। पीएम मोदी का काम करने का तरीका शानदार रहा है। विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद अब में अपने क्षेत्र में जाकर कार्यकर्ताओं से मिलूंगा और अगली विकास की राजनीति तय करूंगा।
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तीन बार विधायक बन चुके हैं सीजे चावड़ा
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सीजे चावड़ा तीन बार के विधायक रह चुके हैं। वो साल 2002 में पहली बार विधायक बने थे और 2007 में चुनाव हार गए थे। उसके बाद 2017 में गांधीनगर उत्तर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक बने थे। उसके बाद 2019 में अमित शाह के खिलाफ गांधीनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। पिछले विधानसभा चुनाव में मेहसाणा के वीजापुर से जीतकर चावड़ा फिर विधायक बने। वो पेशे से वेटरनरी डॉक्टर हैं और गुजरात सरकार में अधिकारी थे।(एएमएपी)