प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा
आज जीवन धन्य हो गया!
शताब्दियों की प्रतीक्षा, प्रण और प्रार्थना आज श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ पूर्ण हुई।
यह ऐतिहासिक एवं पुण्य अवसर बड़े सौभाग्य से प्राप्त हुआ है। पीढ़ियों के संकल्प की सिद्धि का साक्षी बनकर अभिभूत हूं,… pic.twitter.com/MyY24CWBOM
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 22, 2024
अयोध्या पहुंचे कई गणमान्य लोग
राम मंदिर के इस महोत्सव में 1100 से अधिक गणमान्य लोग अयोध्या पहुंचे। इस फेहरिस्त में मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी जैसे व्यापार जगत के दिग्गज और अमिताभ बच्चन, रजनीकांत के साथ ही सचिन तेंदुलकर समेत कई दिग्गज हस्तियां पहुंची हैं। पूजा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के बगल में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी बैठे हुए थे। उनके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, श्रीराजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महंत नृत्यगोपाल दास, अनिल मिश्र और डोमराजा भी मौजूद थे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा आयोजन विधि-विधान के साथ पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनके साथ 121 अन्य पुजारियों ने कराया। प्राण प्रतिष्ठा की पूजा के दौरान भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर पुष्प वर्षा करते रहे।
रामलला को देखते ही भक्तों में छायी खुशी
जैसे ही भक्तों ने रामलला की पहली छवि देखी तो ऐसी खुशी हुई कि कई लोगों की आंखों से आंसू बह निकले। प्रधानमंत्री मोदी ने हाथ में कमल का फूल लेकर पूजन किया। प्रधानमंत्री ने रामलला की आंखों से पट्टी खोली। रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं और हाथों में धनुष बाण धारण किए हुए हैं। रामलला ने सोने का कवच कुंडल, करधन माला धारण की हुई है। रत्न जड़ित मुकुट का वजन करीब 5 किलो बताया जा रहा है। रामलला के मुकुट में नौ रत्न सुशोभित हैं और गले में सुंदर रत्नों की माला है। भगवान रामलला की कमरबंद भी सोने से बना है। रामलला के आभूषणों में रत्न, मोती, हीरे शामिल हैं।
अपने आंसू नहीं रोक पाईं साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती
जब जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा होता है तो उसकी खुशी को बयां करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। कुछ ऐसा ही दृश्य अयोध्या में दिखा। यहां राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शुमार रहीं साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती भी भव्य राम मंदिर को अपनी आंखों के सामने देख अपने आंसू नहीं रोक पाई और दोनों नेता गले लगकर खूब रोईं। दोनों की तस्वीरें सामने आईं हैं। कहा जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। लेकिन यह एक तस्वीर राम मंदिर आंदोलन, भक्तों की कुर्बानी, आंक्रांताओं का अत्याचार और अपने राम को घर दिलाने के लिए तपस्या करने वाले साधु-संतों की पूरी कहानी कहने लगी।
रामलला का दिव्य रूप
बालकांड रमचरितमानस में जैसी रामलला का जैसा वर्णन किया गया है, वैसी ही रामलला सुशोभित हो रहे हैं। रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह शोभित हैं। कमर में करधनी और पेट पर त्रिवली हैं। रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं। रामलला की छाती पर बाघ के नख की बहुत ही निराली छटा है। छाती पर रत्नों से युक्त मणियों के हार की शोभा है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा की गई। पूरा देश राममय नजर आ रहा है। पूरी अयोध्या आलौकिक और भव्य हो गई है।
करीब 200 किलोग्राम वजनी है मूर्ति
मूर्ति की विशेषताएं देखें तो इसमें कई तरह की खूबियां हैं। मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई तीन फीट है। कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष है। कृष्ण शैली में मूर्ति बनाई गई है। मूर्ति श्याम शिला से बनाई गई है, जिसकी आयु हजारों साल होती है। मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा।
रामलला की मूर्ति की विशेषता
रामलला के चारों ओर आभामंडल है। मूर्ति के ऊपर स्वास्तिक, ॐ, चक्र, गदा, सूर्य भगवान विराजमान हैं। श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। मस्तक सुंदर, आंखें बड़ी और ललाट भव्य है। भगवान राम का दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है। मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार दिखाई दे रहे हैं। मूर्ति नीचे एक ओर भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी तो दूसरी ओर गरुड़ जी को उकेरा गया है। मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलक रही है।
आज हमारे राम आ गए हैं! pic.twitter.com/4TtQMm89tW
— PMO India (@PMOIndia) January 22, 2024
रामलला का दिव्य रूप
बालकांड रमचरितमानस में जैसी रामलला का जैसा वर्णन किया गया है, वैसी ही रामलला सुशोभित हो रहे हैं। रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह शोभित हैं। कमर में करधनी और पेट पर त्रिवली हैं। रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं। रामलला की छाती पर बाघ के नख की बहुत ही निराली छटा है। छाती पर रत्नों से युक्त मणियों के हार की शोभा है। रामलला की मूर्ति इतनी सजीव लग रही है जैसे रामलला मुस्कुरा रहे हैं और उनके होठों पर मुस्कान है, चेहरे पर गजब का तेज दिखाई दे रहा है। रामलला की मूर्ति को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। रामलला के विग्रह की खासियत ये है कि इस पर रोली, चंदन और सिंदूर लगाने के बाद भी चमक फीकी नहीं पड़ेगी। रामलला की मूर्ति जमीन से 7 फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। रामलला कमल के आसन पर विराजमान हैं।(एएमएपी)