राष्ट्रनिर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी आने वाली पीढ़ी
सोमवार को अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी ने कहा, “आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजार वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्रनिर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी। इसलिए मैं कहता हूं – यही समय है, सही समय है। हमें आज से, इस पवित्र समय से अगले 1 हजार साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हम सभी देशवासी इस पल से समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं।”
#WATCH | Ayodhya: Prime Minister Narendra Modi says, “This is a temple of national consciousness in the form of Ram. Ram is the faith of India, Ram is the foundation of India. Ram is the idea of India, Ram is the law of India…Ram is the prestige of India, Ram is the glory of… pic.twitter.com/kOUeC0h71F
— ANI (@ANI) January 22, 2024
सुप्रीम कोर्ट का जताया आभार
प्रधानमंत्री ने न्याय करने और कानून के मुताबिक मंदिर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में निराशा के लिए रत्ती भर भी जगह नहीं है।
राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के समन्वय का प्रतीक
भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। ये निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है। मोदी ने ऐसे लोगों का अपनी सोच पर पुनर्विचार करने की सलाह देते हुए कहा, “राम आग नहीं है, राम ऊर्जा है। राम विवाद नहीं, राम समाधान है। राम सिर्फ हमारे नहीं, राम तो सबके हैं।”
2024 का ये सूरज अद्भुत आभा लेकर आया
प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं, स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं, पूरा देश आज दीपावली मना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है।
सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं
उन्होंने मंदिर निर्माण में हुई देरी के लिए प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना की। उन्होंने कहा, “हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है।” उन्होंने कहा, “आज हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई।” उन्होंने कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है।
हर किसी में बसते हैं भगवान राम
प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए अपने 11 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने इस दौरान उन स्थानों पर जाने की कोशिश की जहां भगवान राम ने कदम रखे थे। पिछले 11 दिनों में अलग-अलग भाषाओं और अलग-अलग राज्यों में रामायण सुनने का मौका मिला। भगवान राम को परिभाषित करते हुए संतों ने कहा है कि भगवान राम हर किसी में बसते हैं। हर युग के लोगों ने भगवान राम को जीया है। हर युग के लोगों ने युगों ने भगवान राम को अपनी भाषाओं में व्यक्त किया है।(एएमएपी)