पहले दिन 20 लाख श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान
अयोध्या में रामलला के अलौकिक स्वरूप को देखकर ऐसा अहसास हो रहा है जैसे ब्रह्मानंद की प्राप्ति हो रही हो। श्रद्धालु रामलला का ‘रत्न जड़ित करुना सुख सागर श्रीराम’ के अलौकिक स्वरूप में दर्शन कर निहाल और विह्वल हो रहे हैं। अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय जैसे तमाम शब्द अखिल ब्रह्मांड के राजा प्रभु श्रीराम के नए महल की शोभा के आगे फीके से लग रहे हैं। एक-एक कोना चमक रहा है, जिधर नजर घुमाओ बस चमक ही चमक है। जिस तरह त्रेतायुग में राजा दशरथ का महल हुआ करता था, कलयुग का भी भव्य राम मंदिर वैसे ही नजर आ रहा है। अपने आराध्य देव की मनोहारी छवि देख रामभक्तों के नयन छलक उठे। समवेत स्वर में जय-जय श्रीराम की गूंज होने लगी।
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh: Visuals of first evening aarti performed after Ram Temple Pran Pratistha Ceremony. (22.01)
(Source: Associate Priest, Ram Mandir) pic.twitter.com/2KdXUcHWoz
— ANI (@ANI) January 23, 2024
देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर रही रामलला की मूर्ति
रामलला की अद्भुत मूर्ति चेहरे पर मुस्कान भगवान राम की विनम्रता और मधुरता के बारे में बता रही थी। पहली नजर में रामलला की यह मूर्ति देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर दे रही थी। आस्था और अध्यात्म की झलक इस मूर्ति से झलक रही थी, जो पहली ही नजर में रामभक्तों को आकर्षित कर रही थी। भगवान राम के मस्तक पर लगा तिलक सनातन धर्म की विराटता का प्रतीक, जो देखने वालों को भक्ति की एक अलग दुनिया में ले जाता है। मूर्ति में ऊं, गणेश, चक्र, शंख, गदा और स्वास्तिक की आकृति बनी हुई है। नीले-श्यामल रंग के पत्थर से बनी मूर्ति में रामलला का विहंगम रूप दिखाई दे रहा था। रामलला के चारों तरफ आभामंडल है। सिर पर सूर्य बना हुआ है। दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है। आभामंडल में नीचे हनुमानजी की मूर्ति व भगवान विष्णु के 10 अवतार के साथ सनातन धर्म के प्रतीक चिह्न बनाए गए हैं।
रोज इस तरह होंगे रामलला के दर्शन
नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।
दोपहर में हर घंटे लगेगा भोग
दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।
24 घंटे के आठों पहर में होगी अष्टयाम सेवा
अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी। इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी होंगे। अब तक रामलला विराजमान की दो आरती होती थीं। रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा, अब रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन आरती होंगी। संभव है उत्थापन आरती पुजारी खुद कर लें और फिर दर्शन के लिए पर्दा खोलें। इसे लेकर ट्रस्ट ही घोषणा करेगा।(एएमएपी)