ದೇಶದ ಸಂಸ್ಕೃತಿಯ ಪ್ರಸಾರ, ಆರ್ಥಿಕ ಬೆಳವಣಿಗೆಯಲ್ಲಿ ಪ್ರವಾಸೋದ್ಯಮದ ಪಾತ್ರ ಉನ್ನತವಾದದ್ದು. ಬೇರೆ ಬೇರೆ ರಾಜ್ಯ, ದೇಶಗಳಿಂದ ಬರುವ ಜನರು ಇಲ್ಲಿನ ಸಂಸ್ಕೃತಿ, ಆಚರಣೆಗಳನ್ನು ತಮ್ಮಲ್ಲಿಗೂ ಕೊಂಡೊಯ್ದು ಜಗತ್ತೊಂದು ಕುಟುಂಬವೇ ಆಗುವುದಕ್ಕೆ ಪ್ರವಾಸೋದ್ಯಮ ನೆರವಾಗಿದೆ.
ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಪ್ರವಾಸೋದ್ಯಮ ದಿನದ ಶುಭಾಶಯಗಳು.… pic.twitter.com/mkOyuCo48o— Jagadish Shettar (@JagadishShettar) January 25, 2024
अप्रैल में भाजपा से दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि शेट्टार ने बीते साल अप्रैल में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। खबरें थी कि विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया था। शेट्टार के साथ लक्षमण सवादी ने भी पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद येदियुरप्पा दोनों ही नेताओं पर जमकर हमलावर हो गए थे। बीते उन्होंने कहा था, ‘पार्टी ने शेट्टार और सवादी को हर संभव सभी मौके दिए। शेट्टार को केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जाने का भी वादा किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं। यह उस विचारधारा के खिलाफ है, जिसके साथ वह इतने दशकों तक जुड़े रहे। यह माफी के लायक नहीं है।’
क्या बोले जगदीश शेट्टार?
बीजेपी में वापसी पर जगदीश शेट्टार ने कहा, “बीजेपी ने काफी दायित्व दिए थे। कुछ कारणों से मैं कांग्रेस में शामिल हो गया था। पिछले आठ-नौ महीनों में काफी चर्चा हुई। बीजेपी के कार्यकर्ता भी चाहते थे कि मैं वापस पार्टी में शामिल हो जाऊं। येदियुरप्पा जी और विजयेंद्र जी भी चाहते थे कि मैं बीजेपी में वापस लौटूं। मैं इस विश्वास के साथ के पार्टी में वापस लौट रहा हूं कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।”
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कौन हैं जगदीश शेट्टार
80 के दशक में राजनीति की शुरुआत करने वाले शेट्टार साल 2012 से 2013 के बीच करीब दस महीनों के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके अलावा वह 6 बार विधायक भी बने और भाजपा में कई पदों पर रहे। इनमें प्रदेश अध्यक्ष और कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी शामिल है। साल 2008 में जब भाजपा ने राज्य भी जीत दर्ज की थी, तब उन्हें कर्नाटक विधानसभा का स्पीकर भी बनाया गया था। बता दें कि शेट्टार स्वच्छ छवि के नेता माने जाते हैं। उन्हें सियासत विरासत में मिली है। शेट्टार हुबली-धारवाड़ के मेयर रहे हैं। इसके अलावा उनके भाई एमएलसी और चाचा विधायक हैं। इस तरह से शेट्टार परिवार की हुबली-धारवाड़ इलाके में मजबूत पकड़ है। (एएमएपी)