कल समाप्त होगा अटकलों का दौर, राजग के साथ सरकार बना सकते हैं नीतीश
नीतीश सरकार को मिल रहा 128 विधायकों का समर्थन
राजग के सहयोगी चिराग, मांझी, पारस और उपेंद्र भी सहमत

बिहार में चल रहे सियासी उथलपुथल के माहौल का कुछ ही घंटों में अंत होने की संभावना है। सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि बिहार में चल रही महागठबंधन की सरकार का शनिवार को ही पतन हो जाएगा।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज ही अपने पद से इस्तीफा देंगे। इसके बाद रविवार को बिहार में नई सरकार का गठन होगा। नीतीश कैबिनेट से आरजेडी और कांग्रेस के विधायक बाहर हो जाएंगे और बीजेपी विधायकों की एंट्री होगी। अधिकारियों को शपथग्रहण समारोह की तैयारी के लिए अलर्ट रहने को कहा है। रविवार को छुट्टी के दिन भी कैबिनेट सचिवालय को खोले जाने का निर्देश दिया गया है।

रिपोर्ट्स् में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन सरकार का जाना तय है। बीजेपी की शनिवार शाम को विधायक दल की बैठक होने वाली है। इसमें विधायकों का हस्ताक्षर लिया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समर्थन वाला पत्र सौंप दिया जाएगा। फिर नीतीश अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। वहीं, जेडीयू विधायक दल की बैठक रविवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बुलाई गई है। सीएम नीतीश राज्यपाल से मिलकर रविवार को ही फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

122 का जादूई आंकड़ा

महागठबंधन के दलों को शाम तक नीतीश के अगले कदम के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सरकार के सामान्य बहुमत के लिए 122 सदस्यों का समर्थन चाहिए। भाजपा के 78, जदयू के 45 और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के चार विधायकों के अलावा निर्दलीय सुमित कुमार सिंह के समर्थन से बहुमत का आंकड़ा हासिल हो जाता है। 10 अगस्त 2022 से पहले तक नीतीश की सरकार इसी आंकड़े के बल पर चल रही थी।

सूत्रों ने बताया कि दिसंबर में यह सूचना मिलने के साथ ही नीतीश कुमार खिन्न हो गए थे कि सरकार को अपदस्थ कर अपने नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए राजद सक्रिय है। हालांकि, इसका कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया। लेकिन, एहतियात के रूप में नीतीश ने जदयू की कमान स्वयं संभाल ली। इसके साथ ही यह कयास शुरू हो गया था कि वे गठबंधन बदलने जा रहे हैं। राजद के साथ उनका प्रत्यक्ष मतभेद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लेकर था।

राजद नेतृत्व ने उनके विभाग बदलने की सहमति दे दी तो माना गया कि विवाद समाप्त हो गया। इधर, जननायक कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च भारत रत्न सम्मान देकर केंद्र सरकार ने नीतीश की पुरानी मांग पूरी कर दी। उसके अगले दिन 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री ने भारत रत्न के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी कुछ और मांगें हैं। उनका इशारा राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग की ओर था। समझा जाता है कि जल्द ही केंद्र सरकार राज्य को विशेष दर्जा या विशेष पैकेज के बारे में कोई ठोस आश्वासन देगी।

सहयोगियों से विमर्श

नीतीश कुमार के साथ साझा सरकार बनाने से पहले भाजपा ने अपने सहयोगी दलों से राय-विचार किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हम के संस्थापक जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इससे पहले, लोजपा रा के अध्यक्ष चिराग पासवान से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बातचीत की थी। रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस पहले से सहमत थे। चारों सहयोगी दलों दलों की सहमति के बाद भाजपा ने नीतीश से बातचीत की। देर शाम नीतीश ने अपने वरिष्ठ सहयोगियों से विमर्श किया। तय हुआ कि राजग के साथ अगली सरकार का गठन हो।

आज दिन भर दिखी दरार

महागठबंधन खेमें दिन पर गहमागहमी रही और कई अवसरों पर जदयू और राजद के बीच का मतभेद भी सामने आया। सुबह गणतंत्र दिवस समारोह में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच की दूरी नजर आई।राजभवन में आयोजित हाई टी पार्टी में तेजस्वी नहीं आए। मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच तेजस्वी के लिए निर्धारित कुर्सी पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी बैठे। मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि तेजस्वी इस समारोह में नहीं आए, उनका कहना था कि इस प्रश्न का उत्तर तो वही दे सकते हैं, जो नहीं आए हैं।

भाजपा के समर्थन से नई सरकार बनाएंगे नीतीश

बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच जदयू के शीर्ष शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पहुंचे। बैठक में जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मंत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा और राज्य विधान परिषद के अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर जैसे नेता शामिल हुए। बैठक खत्म होने के बाद खबर सामने आ रही है कि नीतीश कुमार आज शाम को इस्तीफा दे सकते हैं और भाजपा के समर्थन से नई सरकार का गठन कर सकते हैं। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपनी पार्टी के दोबारा गठजोड़ करने की अटकलों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राधा मोहन सिंह ने शनिवार को राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मुलाकात की। हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने स्पष्ट किया कि वह अपने लोकसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण में आयोजित एक समारोह में शामिल होने का आमंत्रण देने के लिए राजभवन गए थे। उन्होंने बिहार की राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

नीतीश कुमार को आसानी से शपथ नहीं लेने देंगे- तेजस्वी

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चुनौती देते हुए कहा कि वह नीतीश कुमार को आसानी से शपथ नहीं लेने देंगे। राजद के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि उनके पास पर्याप्त संख्या बल है और सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उन्हें सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मौका नहीं दिया गया तो राजद राजभवन के समक्ष धरना देगा।

बीजेपी से डिप्टी सीएम अभी तय नहीं

बताया जा रहा है कि शुरुआत में नीतीश कुमार के साथ जेडीयू और बीजेपी के 5-6 नेता शपथ ले सकते हैं। बीजेपी की ओर से शपथ ग्रहण कौन करेगा, इस पर अभी मुहर नहीं लगी है। माना जा रहा है कि बीजेपी के जो विधायक नीतीश के साथ शपथ लेंगे, उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। इनके नामों की घोषणा बीजेपी आलाकमान से ही होगी। आलाकमान की ओर से प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े पटना पहुंच गए हैं।

इन नेताओं को बनाया जा सकता है डिप्टी सीएम

बीजेपी से डिप्टी सीएम के रूप में तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के साथ इस बार सुशील मोदी का नाम भी खासा चर्चा में है। ये तीनों ही नेता पहले भी उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। हालांकि, बीजेपी इस बार किसी नए नेता को भी डिप्टी सीएम पद पर बैठा सकती है। बीजेपी से दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं, जिसमें एक महिला संभव है।

हालांकि, जेडीयू की ओर से अभी तक औपचारिक रूप से महागठबंधन छोड़कर एनडीए में वापसी की घोषणा नहीं की गई है। मगर बीजेपी के नेताओं ने कह दिया है कि नीतीश कुमार के स्वागत के लिए वे तैयार हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद स्थिति और साफ होने की संभावना है।(एएमएपी)