घटना की जांच के निर्देश, गठित की समिति

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मंगलवार को एक अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट के बाद आग लग गई। फैक्टरी में आतिशबाजी के इस्तेमाल के लिए रखे गए बारूद के संपर्क में आकर आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। इससे पूरा इलाका दहल गया। हादसे में अबतक 11 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया है।

धमाके के बाद लगी भीषण आग

जानकारी के अनुसार, शहर में मगरधा रोड पर ग्राम बैरागढ़ में स्थित एक अवैध पटाखा फैक्टरी में मंगलवार को जोरदार धमाके के बाद भीषण आग लग गई। आग तेजी से फैली और आसपास के 50 से ज्यादा घरों को अपनी चपेट में ले लिया। इसकी वजह से क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल हो गया और लोग इधर-उधर भागते नजर आए। फैक्टरी से उठती आग की लपटें और धुएं का गुबार कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है। बताया जाता है कि विस्फोट के वक्त फैक्टरी परिसर में 250 से ज्यादा मजदूर काम कर रहे थे। हादसे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मौके पर यहां-वहां शव पड़े देखे जा रहे हैं।

राहत एवं बचाव कार्य शुरू

फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा जा रहा है। हमीदिया में डॉक्टरों को हाई अलर्ट पर रखा गया। घायलों को भोपाल और इंदौर भी भेजा जाएगा। हरदा से भोपाल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। बैतूल कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ रविकांत उईके ने चार चिकित्सकों की टीम, दवाइयों के साथ भेज दी है। सीएमएचओ ने बताया कि चार 108 एंबुलेंस भी भेजी गई है और हरदा जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। इधर, नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना के निर्देश पर अमला मुस्तैद है। नर्मदापुरम के डॉक्टरों की टीम ने संभाला मोर्चा। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, प्रशासन की टीम जुटी मदद में। नर्मदापुरम कलेक्टर के निर्देश पर दो एंबुलेंस और एक दमकल वाहन और हरदा के लिए भेजा गया है। जिले की मेडिकल टीम हरदा पहुंच गई है और वहां राहत एवं उपचार कार्य जारी है।

बैरिकेडिंग कर लोगों की आवाजाही रोकी

मगरधा रोड सहित पटाखा फैक्टरी के करीब एक किलोमीटर के दायरे में आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। नर्मदा पुरम- खंडवा स्टेट हाईवे पर भी बैरिकेड्स लगाकर वाहनों को निकाला जा रहा है। जानकारी मिलने के बाद पूर्व मंत्री कमल पटेल ने अस्पताल पहुंच कर घायलों के हालचाल जाने और परिजनों को मदद का आश्वासन दिया। घायलों की मदद के लिए कई लोग खुद रक्तदान करने जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों को दिए निर्देश

हरदा में हुए भीषण हादसे को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्री प्रद्युम्न तोमर व उदय प्रताप सिंह, एसीएस अजीत केसरी, डीजी होम गार्ड अरविंद कुमार को तत्काल हरदा जाने के निर्देश दिए। इसके अलावा भोपाल, इंदौर में मेडिकल कालेज और एम्स भोपाल में बर्न यूनिट को आवश्यक तैयारी करने को कहा। इंदौर, भोपाल से फायर ब्रिगेड की दमकलों को भी हरदा भेजा जा रहा है। इसके साथ-साथ राहत कार्यों के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि, घायलों का बेहतर से बेहतर उपचार हमारी पहली प्राथमिकता है। मृतकों और घायलों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये सहायता देने की बात कही गई है।

प्रधानमंत्री ने हादसे पर दुख जताया, मुआवजे की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दुर्घटना पर दुख जताया। प्रधानमंत्री ने पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया पोस्‍ट में लिखा, “मध्य प्रदेश के हरदा में एक पटाखा फैक्टरी में दुर्घटना के कारण हुई लोगों की मृत्यु से व्यथित हूं। उन सभी के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। जो घायल हुए हैं वे जल्द से जल्द ठीक हों। स्थानीय प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से दो लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।”

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जांच समिति गठित

घटना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर दिया है। इसमें धार्मिक न्यास विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी, गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, होमगार्ड महानिदेशक अरविंद कुमार और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक रंजन को सदस्य नियुक्त किया गया है। यह समिति अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी।(एएमएपी)