लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार विपक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने पंडित नेहरू से लेकर कांग्रेस सरकार में हुए घोटालों का जिक्र किया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सरकार के 10 साल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों पर श्वेत पत्र जारी किया है। इस श्वेत पत्र में मनमोहन सिंह सरकार के दस साल के कार्यकाल के आर्थिक कुप्रबंधन पर निशाना साधा गया है। बता दें कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए अपने भाषण में कहा था कि मोदी सरकार यूपीए के दस साल के शासन काल में हुए आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र जारी करेगी।

यूपीए राज में हुए कोयला घोटाला से देश को नुकसान

वित्त मंत्री ने शुक्रवार को लोकसभा में श्वेत पत्र बोलते हुए यूपीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूपीए राज में कोयला घोटाला हुआ। घोटाले से देश को नुकसान हुआ। हमने अपने कार्यकाल में कोयले को हीरे में बदल दिया। दुनिया में आज देश का सम्मान बढ़ा। यूपीए पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगर वे होते तो पता नहीं देश का क्या होता। सीतारमण ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने ‘पहले परिवार को पहले रखा’ रखा और अर्थव्यवस्था को ‘नाजुक पांच तक’ ले गई। ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र और भारत के लोगों के जीवन पर इसके प्रभाव’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सीतारमण ने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान हुए राष्ट्रमंडल खेलों से देश का नाम खराब हुआ लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में जी-20 की अध्यक्षता में भारत को वैश्विक स्तर पर सम्मान मिला।

अगर सरकार की मंशा ईमानदार है तो परिणाम भी अच्छे होंगे

सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने ईमानदारी से काम किया और अर्थव्यवस्था को ‘नाजुक पांच देशों’ से बाहर निकाला और इसे विश्व की शीर्ष पांच श्रेणियों में भेजा। उन्होंने कहा कि अब भारत शीर्ष तीन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की कगार पर है। वित्त मंत्री ने कहा, “श्वेत पत्र में दिखाई गई तुलना स्पष्ट रूप से बताती है कि यदि सरकार इसे पूरी ईमानदारी, पारदर्शिता और राष्ट्र को पहले रखते हुए लेती है तो परिणाम सबके सामने हैं, सब देख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “जब आप राष्ट्र को पहले नहीं रखते हैं, जब आप पहले अपने परिवार को रखते हैं, और जब आपके पास पारदर्शिता की जगह अन्य विचार होते हैं, तो परिणाम नकारात्मक होते हैं। हमने 2008 के बाद जो हुआ जब वैश्विक वित्तीय संकट का दौर आया वह भी देखा और कोविड के बाद जो हुआ वह भी देखा। इससे पता चलता है कि अगर सरकार की मंशा ईमानदार है तो परिणाम अच्छे होंगे।

मोदी सरकार ने कोविड संकट का ईमानदारी और समर्पण के साथ से किया सामाना

सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने कहीं अधिक ‘घातक’ कोविड संकट का ईमानदारी और समर्पण के साथ सामना किया, जबकि 2008 में यूपीए सरकार के पास मंदी से निपटने के लिए कोई ‘साफ-सुथरा’ इरादा नहीं था। विपक्षी सदस्यों के नारेबाजी के बीच मंत्री ने कहा कि जो पार्टी वैश्विक वित्तीय संकट से नहीं निपट सकी और भ्रष्टाचार व घोटालों को जारी रखा, वह अब मोदी सरकार को भाषण दे रही है। सीतारमण ने उनसे कहा, अगर आपमें हिम्मत है तो आपको मेरा भाषण बाधित नहीं करना चाहिए और इसके बजाय जवाब देना चाहिए।(एएमएपी)