किडनी की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेस्ट दाल
मूंग दाल –
किडनी के मरीजों के लिए मूंग दाल प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसकी खिचड़ी खाना अच्छा माना जाता है। खिचड़ी में दाल के साथ चावल का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मिक्स अमीनो एसिड की जरुरत को पूरा करता है, जिससे यह पूर्ण प्रोटीन स्रोत बन जाता है।
अरहर दाल –
अरहर दाल कोलेस्ट्रॉल फ्री होती है और इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है। इसके अलावा, यह पाचन के लिए अच्छी है। वहीं ये पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक हेल्दी ऑप्शन है।
सीमित मात्रा में खाएं ये दाल
उड़द दाल –
उड़द की दाल शरीर में यूरिक एसिड के प्रोडक्शन को बढ़ाती है, जिसे किडनी को निकालना होता है। यह दाल किडनी फेलियर से पीड़ित व्यक्ति की किडनी पर प्रेशर डाल सकता है। ऐसे में इसे कम मात्रा में खाना बेहतर है।
मसूर की दाल –
मसूर दाल में ज्यादा मात्रा में फोलेट, पोटेशियम, ट्रिप्टोफैन, कॉपर, आयरन होता है। इस दाल को खाने के बाद किडनी को वेस्ट प्रोडक्ट को बाहर निकालने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। किडनी की बीमारियों से पीड़ित लोगों को कम मात्रा में इस दाल को खाना बेहतर है।
चना दाल –
चना दाल को पचने में काफी समय लगता है। ऐसे में किडनी की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को इसका कम से कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। डायलिसिस वाले पेशेंट को इसे खाने से बचना चाहिए।
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दाल खाने के लिए किडनी पेशेंट अपनाएं ये तरीका
किडनी पेशेंट दाल पकाने से पहले उसे पानी में जरूर भिगोएं। इससे दाल में पोटेशियम की मात्रा कम हो जाएगी, जिससे किडनी पर भार कम करने में मदद मिलेगी।
पत्तेदार साग भी स्वास्थ्य के लिए बहुत बेहतर
पालक, बथुआ, करिमुआ, सरसों, केल, कोलार्ड ग्रीन्स जैसी पत्तेदार हरी सब्जियां किडनी के स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प हैं। इनमें पोटेशियम की मात्रा कम होती है और आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इन सागों में डाइटरी फाइबर भी अधिक होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है। अपने आहार में पत्तेदार सब्जियां शामिल करने से किडनी की कार्यक्षमता में मदद मिल सकती है और क्रोनिक किडनी रोग का खतरा कम हो सकता है। (एएमएपी)