सुरेंद्र किशोर ।
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि वह सेक्युलरिज्म मौजूदा सरकार के शब्दकोश में नहीं है जो 2014 से पहले की केंद्र सरकार के शब्दकोश में था। क्या हामिद अंसारी और कांग्रेस का सेक्युलरिज्म पी.एफ.आई. के सेक्युलरिज्म से मेल खाता है?
यदि ऐसा नहीं है तो पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी पी.एफ.आई. की महिला शाखा के समारोह में शामिल होने के लिए सितंबर, 2017 में कोझीकोड क्यों गए थे?
पी.एफ.आई.के राजनीतिक संगठन एस.डी.पी.आई. का गत कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से तालमेल क्यों हुआ था।
क्या पी.एफ.आई. सेक्युलर संगठन है?
सिमी का ही नया रूप
केरल सरकार ने 24 दिसंबर, 2012 को हाईकोर्ट से कहा कि सिमी का ही नया रूप पाॅपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पी.एफ.आई) है। याद रहे कि यह आरोप है कि पिछले साल दिल्ली व उत्तर प्रदेश में भीषण दंगे कराने में पी.एफ.आई.का हाथ था।
सभी मन्दिर नष्ट कर मस्जिद बना देंगे
सिमी के बारे में जानिए।
इस संगठन के अहमदाबाद जोन के सेक्रेटरी साजिद मंसूरी ने 2001 में मीडिया से बातचीत में कहा था कि ‘जब हम भारत में सत्ता में आएंगे तो सभी मंदिरों को नष्ट कर देंगे और वहां मस्जिद बना देंगे।’
एकमात्र रास्ता जेहाद
सिमी के एक दूसरे नेता ने मीडिया से कहा था कि लोकतांत्रिक तरीके से भारत में इस्लामिक शासन संभव नहीं है।इसलिए हमारा एकमात्र रास्ता जेहाद है।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सन 2001 में सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बाद की मनमोहन सरकार ने भी उस पर प्रतिबंध जारी रखा। क्योंकि खुफिया रपट ही वैसी थी।
सलमान खुर्शीद सिमी के वकील
प्रतिबंध के खिलाफ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद सुप्रीम कोर्ट में सिमी के वकील थे।
इस देश के अधिकतर तथाकथित ‘सेक्युलर’ दलों ने समय -समय पर सार्वजनिक रूप से सिमी का बचाव किया।
नरेंद्र मोदी की चुनावी सफलता दूसरा सबसे बड़ा कारण यही था। सबसे बड़ा कारण मनमोहन सरकार का भीषण भ्रष्टाचार था।
कांग्रेस का हाथ जेहादियों के साथ
यदि कांग्रेस सरकारों ने आम मुसलमानों के कल्याण के लिए काम किए होते तो उसकी वैसी चुनावी दर्गति नहीं होती। पर उसने मुसलमानों के बीच के जेहादी तत्वों का हमेशा साथ दिया।
आशा है अब आप समझ गए होंगे कि हामिद अंसारी का सेक्युलरिज्म कैसा है?
क्या हामिद ने कभी सिमी, पी.एफ.आई. या जेहादी तत्वों का विरोध किया? अन्य धर्मो के अतिवादी तत्वों की खूब आलोचना कीजिए। पर जरा जेहादियों के खिलाफ भी तो कुछ बोलिए।
यदि नहीं तो कांग्रेस व हामिद अंसारी जैसे लोगों व बुद्धिजीवियों का कोई भविष्य नहीं है। वे लगातार हाशिए पर पहुंचते रहेंगे।
(सोशल मीडिया से)
सेल्फ गोल करने में भाई ने तो पीएच.डी. कर ही रखी थी, अब बहन भी…