राम मंदिर में दान किए थे 11 करोड़ रुपये
गुजरात की डायमंड सिटी सूरत के प्रतिष्ठित हीरा कारोबारी गोविंद ढोलकिया राज्यसभा जाएंगे। बीजेपी ने गुजरात में खाली हुई राज्यसभा की चार सीटों के लिए गोविंद ढोलकिया को उम्मीदवार बनाया है। विधानसभा में बीजेपी के संख्याबल को देखते हुए राज्यसभा चुनावों को औपचारिकता मात्र माना जा रहा है। पार्टी के चारों प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है। किसान परिवार में जन्में गोविंद ढोलकिया परिवार में सात भाई बहन हैं। ढोलकिया के जीवन पर राम कथाकर मोरारी बापू के शिक्षाओं का काफी गहरा प्रभाव है।
ऐसे आएं सुर्खियों में गोविंद ढोलकिया
गोविंद ढोलकिया पिछले महीने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी, तब गुजरात के डायमंड किंग गोविंद ढोलकिया सुर्खियों में आए थे। उन्होंने राम मंदिर के लिए 11 करोड़ रुपये की धनराशि दान की थी। गोविंद ढोलकिया प्रसिद्ध राम कथाकार मोरारी बापू के फॉलोअर माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनका दो दशक से अधिक पुराना परिचय है। गोविंद ढोलकिया ने सिर्फ सात तक ही पढ़ाई की है। वह कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं।
#WATCH | After filing nomination as BJP candidate for Rajya Sabha elections, Diamond tycoon Govind Dholakia in Gandhinagar says, “We will work for the welfare of the nation.” pic.twitter.com/W3cuDIB8la
— ANI (@ANI) February 15, 2024
राजनीति में जाने का कभी नहीं सोचा
सूरत सहित कई गुजराती सामाजिक संस्थाओं से जुड़े गोविंद भाई ढोलकिया ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी गृहमंत्री अमित शाह ने सुबह 10 बजे दी थी। गोविंद भाई SRK यानि श्री राम कृष्ण एक्सपोर्ट के नाम से डायमंड का कारोबार करते हैं। गोविंद भाई ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह राजनीति में जाएंगे या राज्यसभा में जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि उन्होंने और नरेंद्र भाई मोदी ने उन्हें राज्य सभा भेजने का तय किया है। छठी कक्षा तक पढ़े गोविंद भाई ने कहा कि 15-16 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़कर सूरत आ गया था।
4800 करोड़ रुपये है कुल संपत्ति
गोविंदभाई ढोलकिया की उम्र 74 साल है, और उनकी कुल संपत्ति करीब 4,800 करोड़ रुपये है। उनकी कंपनी अमेरिका, हांगकांग, थाईलैंड और जापान आदि देशों में हीरे निर्यात भी करती है। कंपनी का डी बियर्स, आर्कटिक कैनेडियन डायमंड कंपनी लिमिटेड और रियो टिंटो के साथ रफ डायमंड खरीद का सीधा अनुबंध है।
#WATCH | Surat: On being nominated for the Rajya Sabha from Gujarat, diamond tycoon Govind Dholakia says, “Being from a farmer family, my journey towards being a businessman has been rather happy… I got to know about my nomination only four hours ago. BJP leadership definitely… pic.twitter.com/lUqr8btVyF
— ANI (@ANI) February 14, 2024
छह हजार लोग करते हैं फर्म में काम
इसके पास सालाना 7,20,000 कैरेट से अधिक रफ डायमंड को संसाधित करने की क्षमता है। उनकी फर्म में अभी 6,000 लोग काम करते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। साल 2021-22 में कंपनी का टर्नओवर 16,000 करोड़ रुपये था। कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में तनिष्क और डी बियर्स जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं।
नौकरी छोड़ खुद बने डायमंड किंग
7 नवंबर 1947 को ग्राम दुधाला में जन्में गोविंद ढोलकिया काका के नाम से मशहूर हैं। उन्हें सूरत को डायमंड कैपिटल बनाने का श्रेय दिया जाता है। वे श्री राम कृष्ण एक्सपोर्ट हीरा कंपनी के मालिक हैं। उन्होंने 1964 में सूरत से करियर शुरू किया था। शुरुआत में हीरे की कटाई और पॉलिशिंग पर काम करते थे। कुल सालों बाद उन्होंने एक और दोस्त के स्वतंत्र रूप से एक साथ काम करने का फैसला किया। इसके बाद श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट कंपनी बनाई। कच्चे हीरे के व्यापारी हीराभाई वाडीवाला के साथ कारोबार शुरू किया। पॉलिश करने के बाद कच्चे हीरे वजन के हिसाब से 34 प्रतिशत तक दिखाई देते हैं। बताते हैं कि जीरो से करोड़ों का सफर तय करने वाले गोविंद ढोलकिया ने बिजनेस करने के लिए 410 रुपये उधार लिए थे। इसके बाद उन्होंने हीरे के कारोबार में कूदने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।
गांव को बनाया सोलर विलेज
गोविंद ढोलकिया मूलरूप से गुजरात अमरेली जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपने पैतृक गांव दुधाला में लगभग 850 परिवार को सोनल पैनल रूफटॉप गिफ्ट किए हैं। इसी के साथ दुधाला देश का पहला ऐसा गांव बन गया है जो बिना किसी सरकारी सब्सिडी के 100 फीसदी सौर ऊर्जा से संचालित होगा। गोविंद ढोलकिया ने अपनी आत्मकथा में अपने जीवन के संघर्ष का जिक्र किया है। उनकी आत्मकथा ‘डायमंड आर फॉरेवर, सो आर मोरल्स’ के नाम से प्रकाशित हुई थी। इसमें उन्होंने बताया कि डायमंड की पहली बिक्री से उन्हें 920 रुपये मिले थे। (एएमएपी)