रोजमर्रा की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव, थकान और शरीर में जकड़न आदि हो सकती है। गर्दन का दर्द भी इन्हीं दिक्कतों में शामिल है। गर्दन शरीर के नाजुक अंगों में से एक है। दिनभर कंप्यूटर या लैप्टॉप के आगे बैठकर काम करने से, सिर झुकाए पढ़ते रहने से और तकिया टेढ़ा-मेढ़ा लगाकर सोने पर गर्दन में दर्द बैठ जाता है। गर्दन का यह दर्द तीव्र तो होता ही है साथ ही इसके कारण किसी दूसरे काम को करने में भी ध्यान नहीं लग पाता है। अक्सर लोग दर्द से राहत पाने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं लेकिन गर्दन के दर्द के लिए दवा लेना जरूरी नहीं होता है। आप इसे घर पर ही कुछ योगा अभ्यास करके दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर कौन से योगासन गर्दन के दर्द से राहत दिला सकते हैं।गर्दन की अकड़न और दर्द से राहत देंगे ये योगासन-

चक्रवाकासन

चक्रवाकासन करने के लिए आप सबसे पहले योगा मैट पर गाय की तरह अपने दोनों हाथों और पैरों के सहारे आ जाएं। अब अपने कंधों को अपनी कलाई के नीचे और कूल्हों को घुटनों के नीचे रखने की कोशश करें। ध्यान रखें, ऐसा करते समय आपका शरीर एक टेबल टॉप स्थिति में होना चाहिए। इस दौरान अपने पैर की उंगलियां अंदर और गर्दन लंबी रखने की कोशिश करें। अब गहरी सांस लें और पेल्विस को पीछे की ओर झुकाएं ताकि आपकी टेलबोन ऊपर उठी रहे।अपने पेट की मांसपेशियों को अंदर की तरफ खींचने की कोशिश करें ताकि रीढ़ की हड्डियां आपस में मिल सके। अब अपनी गेज को धीरे-धीरे ऊपर की ओर ले जाएं और अपनी पीठ को फर्श की ओर मोड़ें। अपनी टेलबोन को झुकाएं और ऊपर की ओर देखें और गहरी सांस लें। इसी अवस्था में 1 मिनट तक रहने का प्रयास करें। फिर धीरे-धीरे वापस पहले वाली मुद्रा में आ जाएं। चक्रवाकासन योग करने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से पीठ और कमर की मांसपेशियों को आराम मिलता है। साथ ही लंबे समय तक बैठे रहने के कारण व्यक्ति को जो अकड़न और परेशानी महसूस होती है, उससे भी निजात मिल सकता है। इस योगासन का नियमित अभ्यास कमर और गर्दन के दर्द से छुटकारा दिला सकता है।

उत्थिता त्रिकोणासन

उत्थिता त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को चौड़ा रखें और अपने अगले पैर को आगे की ओर और अपने पिछले पैर को सीधा रखें। अपने आप को संतुलित रखते हुए, अपने बाएं हाथ को अपने सामने वाले पैर पर लाएं। अब अपने सिर को घुमाएं ताकि आपका दाहिना हाथ छत की ओर ऊपर हो। ऐसा करते हुए यह सुनिश्चित करें कि आप अपने हाथ की ओर देखें। अब कई बार गहरी सांसें लें और मुद्रा बनाए रखते हुए अपना संतुलन बनाए रखें। उत्थिता त्रिकोणासन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को लाभ पहुंचा सकता है। उत्थिता त्रिकोणासन करने से पैरों,जांघों और टखनों में खिचाव महसूस होता है, जिससे वो मजबूत बनाते हैं। उत्थिता त्रिकोणासन करने से तनाव से भी छुटकारा मिलता है।

बालासन

बालासन योगा बेहद आसान होती है और इसे करने के लिए आपको अत्यधिक जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती है। जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब घुटनों को थोड़ा दूर करें, आपके पंजे पीछे की तरफ होने चाहिए। अपने दोनों हाथों को सामने लेकर आएं और पीठ को मोड़ें। आपके हाथ अब पूरी तरह खिंचे हुए जमीन पर होने चाहिए। इस पोज को कुछ देर होल्ड करें और फिर सामान्य हो जाएं। बालासन (Balasana) प्रेशर पॉइंट्स पर असर दिखाता है। गर्दन के दर्द के अलावा यह कमर का दर्द भी कम करने में मददगार है।

मार्जरी आसन

मार्जरी आसन करने के लिए घुटनों के बल जमीन पर खड़े हो जाएं। इसके बाद अपनी पीठ को झुकाएं और हथेलियां जमीन पर रखें। आपकी पीठ ऊपर की तरफ उठी हुई होनी चाहिए और सिर नीचे झुका हुआ। शरीर को फ्लेक्सिबल बनाने के लिए, गर्दन का दर्द कम करने के लिए और टेंशन रिलीज करने के लिए मार्जरी आसन किया जा सकता है।

शवासन

सबसे आसान योगासन की बात की जाए तो शवासन का नाम सबसे ऊपर आता है। गर्दन ही नहीं बल्कि पूरे शरीर को रिलैक्स करने के लिए शवासन किया जा सकता है। शवासन करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को शरीर से थोड़ी दूरी पर फैलाकर रखें। अपने पैरों को भी थोड़ी दूरी पर रखें। आंखे बंद कर लें और शरीर को ढीला छोड़ दें। 5 मिनट शवासन करने पर ही आपको कई फायदे मिल जाते हैं। यह स्ट्रेस को दूर करने में खासकर असरदार है। (एएमएपी)