नहीं मान रहे डीएनडी नियम
लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए इस सर्वे से पता चला है कि मार्केटिंग कंपनियां डीएनडी नियम से बिलकुल भी नहीं डर रही हैं। इस सर्वे में कंपनी ने 378 जिलों के लगभग 60 हजार लोगों से बातचीत की। उनसे 7 सवाल किए गए थे। एक सवाल के जवाब में 90 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें दिन में 1 से 2 स्पैम कॉल आते ही हैं। लगभग 3 फीसदी लोगों ने बताया कि उन्हें रोजाना ऐसे 10 कॉल आते हैं। लोगों को सेल्स, प्रमोशन या रोबोट फोन कॉल्स लगभग 12 महीने से आ रहे हैं। ये सभी डीएनडी लिस्ट में रजिस्टर हैं।
ट्राई की लगातार कोशिशों के बावजूद नहीं मिल रही सफलता
टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) पिछले कुछ सालों से लगातार ऐसे परेशान करने वाले कॉल्स को कम करने के प्रयास कर रही है। इसके बावजूद कस्टमर्स को कोई राहत नहीं मिल पाई है। लोकल सर्कल्स के फाउंडर सचिन तपरिया ने कहा कि ये कॉल अलग-अलग नंबर से आ रही हैं। किसी ब्रांड या कंपनी से आने वाली कॉल फरवरी, 2023 में 29 फीसदी थीं। फरवरी, 2024 में यही आंकड़ा 36 फीसदी हो चुका है।
एनबीएफसी और बैंकों की तरफ से आ रहे सबसे ज्यादा कॉल
यह सर्वे 15 नवंबर, 2023 से 16 फरवरी, 2024 के बीच किया गया। इसमें 40 फीसदी लोगों ने बताया कि ज्यादातर कॉल नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों की तरफ से आ रही हैं। इसके बाद प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के कॉल का नंबर आता है। लगभग 48 फीसदी लोगों ने बताया कि ऐसे कॉल उन नंबरों से आ रहे हैं, जो कि किसी व्यक्ति से जुड़े हुए लगते हैं।
अनचाहे कॉल की ये होती है वजहें
स्पैम कॉल से इन दिनों ज्यादातर लोग परेशान हैं। आए दिन स्पैम कॉल्स की वजह से लोगों की ठगी भी हो जाती है। ट्रू कॉलर ने एक दिलचस्प डेटा शेयर किया है। ट्रू कॉलर की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन स्पैम कॉल्स में से सबसे ज्यादा सेल्स या टेलीमार्केटिंग की तरफ से होते हैं।
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इसके अलावा फिनांशियल सर्विस की तरफ से भी खई कॉल्स आती हैं। ट्रू कॉलर ने अपनी इस रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि स्पैम कॉल्स में सबसे पॉपुलर स्कैम केवायसी और ओटीपी से ही जुड़ा होता है। यानी यूजर्स से या तो केवायसी कराने के लिए उनकी डिटेल्स मांगी जाती है या फिर उनसे ओटीपी बताने को कहा जाता है। ट्रूकॉलर ने अपने इस डेटा के आधार पर कहा है कि भारत में ज्यादातर इस तरह के कॉल्स लोगों से ओटीपी मांगने के लिए किए जाते हैं। उन्हें किसी और सर्विस के बारे में झूठी जानकारी दे कर ओटीपी मांगा जाता है और फ्रॉड किए जाते हैं। (एएमएपी)