तेजी से दौड़ती-भागती इस दुनिया में तनाव और चिंता की समस्या होना सामान्य बात है, हालांकि लंबे समय तक ऐसी स्थिति अवसाद यानि कि डिप्रेशन का कारण बन सकती है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में सभी उम्र के 30 करोड़ से अधिक लोग अवसाद से पीड़ित हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि जीवनशैली में कुछ साधारण बदलाव जैसे योग, ध्यान और खाने की बेहतर आदतें इस गंभीर समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकती हैं।विशेषज्ञों के अनुसार डिप्रेशन एक गंभीर मनोस्थिति है, जिस पर समय पर काबू पाना बेहद जरूरी है। डिप्रेशन की स्थिति में लोगों के लिए सामान्य जीवन के कार्य करने में कठिनाई होने लगती है, किसी भी जगह पर मन नहीं लगता और कुछ गंभीर स्थितियों में यह आत्महत्या की भावन को भी बढ़ा सकती है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि योग, अवसाद से ग्रस्त लोगों के लक्षणों को कम करने के साथ उन्हीं खुशी देने में सहायक हो सकती है। आइए हम आपको यहां कुछ योगासनों के बारे में बताएंगे, जो आपको डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद करेंगे।

भारत में डिप्रेशन की स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में करीब 56 मिलियन लोग डिप्रेशन का शिकार हैं। चिंताजनक बात ये है कि भारतीय युवाओं में भी डिप्रेशन तेजी से बढ़ रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार साल 2020 में भारत के 18 से 24 साल के करीब 9.3 प्रतिशत युवा डिप्रेशन का शिकार थे। वहीं साल 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 16.8 प्रतिशत हो गया था। ऐसे में बात साफ है डिप्रेशन भारतीयों को अपना शिकार बना रहा है। हालांकि हाल ही में हुई एक स्टडी डिप्रेशन के अंधेरे में उम्मीद की रोशनी जैसी साबित हो सकती है। इसके अनुसार विशेषज्ञों ने डिप्रेशन का इलाज खोज लिया है।

इसलिए डिप्रेशन का शिकार हो रहे लोग

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि नियमित रूप से वॉकिंग, जॉगिंग, योग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से डिप्रेशन पर काबू पाया जा सकता है। अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग वॉकिंग, योग जैसी हल्की एक्सरसाइज करते हैं उसमें डिप्रेशन प्रभावी तरीके से कम होता है। हालांकि जो जॉगिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसी इंटेंस एक्सरसाइज करते हैं उनका डिप्रेशन ज्यादा तेजी से दूर होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिप्रेशन के शिकार अधिकांश लोग यह मानते हैं कि वे दुनिया के अनुसार नहीं हैं, वे अपने जीवन से संतुष्ट नहीं होते हैं और अवसाद में आ जाते हैं।

डिप्रेशन से पीड़ित लोगों पर अध्ययन

शोधकर्ताओं ने इस शोध में डिप्रेशन से पीड़ित 14,170 लोगों का अध्ययन किया। इसके बाद 218 परीक्षणों की समीक्षा की। हर परीक्षण की जांच एक्सरसाइज के प्रकार, गति और रूटीन के आधार पर की गई। शोध में वॉकिंग और जॉगिंग को महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही काफी प्रभावी पाया गया। वहीं स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का फायदा सबसे ज्यादा युवाओं और महिलाओं को मिला। शोध के अनुसार पुरुषों और बुजुर्गों के लिए योग ने किसी चमत्कार जैसा काम किया। योग ने इन दोनों वर्गों का डिप्रेशन तेजी से कम किया।

इस बात का ध्यान रखना है जरूरी

मलागा विश्वविद्यालय के जुआन एंजेल बेलोन ने बताया कि भले ही एक्सरसाइज के परिणाम अच्छे आए हों, लेकिन डिप्रेशन से घिरे लोगों के लिए नियमित व्यायाम करना आसान नहीं है। क्योंकि इससे उन्हें काफी थकान महसूस हो सकती है। उनकी एनर्जी का स्तर कम हो सकता है। इसलिए डिप्रेशन दूर करने के लिए लोगों को अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार एक्सरसाइज को चुनना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार एक्सरसाइज, मनोचिकित्सकों की राय और दवा की मदद से कोई भी डिप्रेशन से मुक्ति पा सकता है।

ये एक्‍सरसाइज मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद :-

दौड़ना

हम सभी जानते हैं कि दौड़ना शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी एक्‍सरसाइज है, लेकिन शायद आप नहीं जानती कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद है। यह आपको कैलोरी बर्न करने, फैट कम करने और हृदय रोगों के आपके जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। 2014 के एक अध्ययन के अनुसार, दिन में सिर्फ पांच मिनट दौड़ने से आपको लंबे समय तक एक्टिव रहने में मदद मिल सकती है। यह विभिन्न तरीकों से आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। रनिंग करने के दौरान और बाद में गुड न्यूरोट्रांसमीटर, सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्राइन में स्थायी परिवर्तन होता है।

लंबी पैदल यात्रा

बाहर निकल कर व्यायाम करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, और यही कारण है कि लंबी पैदल यात्रा इस सूची का एक हिस्सा है। प्रकृति का आपके मन पर एक शांत प्रभाव पड़ता है। विभिन्‍न शोध भी इस बात को साबित करते हैं कि पैदल चलना वास्तव में आपको डिप्रेशन और एंग्‍जायटी के स्‍तर को कम करने में मदद करता है।

चाइल्ड पोज योगासन

तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में चाइल्ड पोज योगासन को विशेष लाभदायक माना जाता है। बालासन नाम से प्रसिद्ध यह योग शरीर को आराम दिलाने के साथ तंत्रिका तंत्र को शांत करके तनाव और चिंता को कम करता है।  इस योग को करने के लिए मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं। अब श्वास अंदर लेते हुए दोनों हाथों को सीधा सिर के उपर उठा लें। श्वास बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और हथेलियों और सिर को ज़मीन पर टिकाएं। लंबी श्वास अंदर लें और बाहर छोड़ें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रखें।

कोबरा पोज योग

अवसाद की समस्या को कम करने में कोबरा पोज योग को लाभदायक माना जाता है। यह अवसाद के लक्षणों को कम करने के साथ वात दोष को कम करने में मदद करता है। वात दोष के कारण उदासी और चिंता की भावना बढ़ जाती है। इस योग के लिए जमीन पर लेट जाएं और अपनी हथेलियों को फर्श पर कंधे की चौड़ाई से अलग रखें। अपने निचले शरीर को जमीन पर रखते हुए श्वास लें और अपनी छाती को फर्श से उठाते हुए छत की ओर देखें। सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को फर्श पर दोबारा लेकर आएं।

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भ्रामरी प्राणायाम

मन को शांत करने में सभी प्रकार के प्राणायाम को विशेष लाभदायक माना जाता है। भ्रामरी प्राणायाम आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में सहायक हैं। इस योगाभ्यास को करने के लिए सबसे पहले शांत वातावरण में बैठ जाएं और पूरे शरीर को शिथिल कर लें। हाथों को अपने सिर के पास ले जाएं। अंगूठे को अपने कानों के अंदर, तर्जनी को पलकों पर, मध्यमा को नाक, अनामिका को अपने ऊपरी होंठ पर और छोटी उंगली को अपनी ठुड्डी पर रखें। गहरी सांस लें और फिर ओम जैसे उच्चारण के साथ सांस छोड़ें। इससे आपके सिर में कंपन पैदा होगा।

कपालभाति प्राणायाम

तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं में कपालभाति प्राणायाम करना लाभदायक माना जाता है। मन को शांति देने के साथ नकारात्मक विचारों को दूर करने में यह प्राणायाम काफी फायदेमंद हो सकता है। इस आसन को करने के लिए भी सबसे पहले शरीर को एकदम से सीधा रखते हुए ध्यानपूर्वक में बैठ जाएं । इसके बाद एक गहरी श्वास लें। अब इसे नाक से तेजी से छोड़ें, इसमें झटके से पेट को अंदर की ओर ले जाएं। सांस छोड़ते समय नाक से छक की आवाज़ होगी। (एएमएपी)