आपका अखबार ब्यूरो। 
किसान आंदोलन के पीछे विदेशी साजिश से धीरे धीरे पर्दा हट रहा है। बुधवार को पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट ने इस साजिश की पोल खोल दी। थनबर्ग ने गलती से उस पूरी योजना को ही ट्वीट कर दिया जिसमें बताया गया था कि कि भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन को कैसे भड़काना है। गलती का एहसास होते ही उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। पर तब तक लोग इसे देख चुके थे और बात फैल चुकी थी। भारत सरकार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और दो हैशटैग #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropeganda के जरिए ट्वीट किया।

साथ आया पूरा देश
इसके बाद पूरे देश से भारत सरकार के प्रति समर्थन की झड़ी लग गई। फिल्म, क्रिकेट और दूसरे क्षेत्रों के गणमान्य लोग इन दोनों हैशटैग के साथ सरकार के समर्थन में आ गए। सबने कहा कि भारत अपनी अंदरूनी समस्याएं सुलझाना जानता है। बाहरी लोग इसमें दखलअंदाजी न करें। फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने ऐसे लोगों को नसीहत देते हुए एक शेर ट्वीट किया-
रिंदे ख़राब हाल को ज़ाहिद ना छेड तू
तुझको परायी क्या पड़ी अपनी नबेड तू।

क्रिकेटर सचिन तेदुलकर, अनिल कुंबले, अजिंक्या रहाणें, भारत रत्न लता मंगेशकर, कंगना रणौत, अक्षय कुमार, अजय देवगन, सुनील शेट्टी, फिल्म निर्देशक करण जौहर सहित कई दिग्गज हस्तियां भारत सरकार के समर्थन में उतर आईं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत प्रोपेगंडा से नहीं विकास से आगे बढ़ेगा। धर्मेन्द्र प्रधान और स्मृति ईरानी जैसे कई केंद्रीय मंत्री भी विदेशी कुप्रचार के खिलाफ मैदान में कूद पड़े।

षडयन्त्र का पर्दाफाश
कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि किसानों के आंदोलन को भारत विरोधी विदेशी ताकतों से मदद मिल रही है। उस समय इसे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश बताया गया था। अंतरराष्ट्रीय गायिका रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जैसे कई नामी गिरामी विदेशी किसानों के समर्थन के नाम पर मैदान में आ गए। ऐसा दिखाने की कोशिश हुई कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन को विदेशों से स्वतःस्फूर्त समर्थन मिल रहा है। पर पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश हो गया। एक सुनियोजित साजिश के तहत किसान आंदोलन को समर्थन के नाम पर भारत विरोधी अभियान चलाया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का इनकार
इस बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने छब्बीस जनवरी को हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार लोगों के मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस और सरकार इस पूरे मामले की जांच कर रही है। अदालत इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं समझती। अदालत ने कहा कि कानून अपना काम करेगा।