राजभवन में बने शांति होम में पीड़ित महिलाओं को मिलेगा आश्रय

संदेशखाली हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने एक अहम कदम उठाया है। उन्‍होंने संकटग्रस्त संदेशखाली की पीड़ि‍त महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे खोल दिए हैं। उन्होंने राजभवन की सीमाओं के अंदर तीन घरों का निर्माण कर संदेशखाली के पीड़ितों को सांत्वना देने की एक खास योजना शुरू की है। राज्यपाल ने इन घरों को शांति होम का नाम दिया है। राज्‍यपाल ने कहा है कि संदेशखाली की जो भी पीड़ित महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, उनके लिए राजभवन के दरवाजे खुले हुए हैं। राज्यपाल के इस कदम की टीएमसी के ही सांसदों शिशिर अधिकारी और उनके छोटे बेटे तमलुक से लोकसभा सांसद दिब्येंदु ने सराहना की है।

शिशिर अधिकारी ने की राज्यपाल के फैसले की सराहना

शिशिर अधिकारी भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के पिता हैं। उन्होंने राज्यपाल के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि ये बहुत ही अच्छी सोच है। मुझे याद है जब नंदीग्राम में सीपीआईएम के गुडों से बचाने के लिए इसी तरह से गांव के लोगों ने अपने घर में पनाह दी थी। वहीं दिब्येंदु अधिकारी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं को राजभवन परिसर में आश्रय देने के लिए आपने जो कदम उठाया है वो अकल्पनीय है। इसके साथ ही टीएमसी सांसद ने राज्यपाल से ये भी पूछा है कि अगर आप (राज्यपाल) मुझे पीड़ित महिलाओं के समर्थन में अपने पक्ष में खड़े होने की इजाजत देते हैं तो हम इसके लिए आभारी रहेंगे।

हिमंता बिस्वा सरमा ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना

इस बीच संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं पर ममता बनर्जी के गुर्गे शेख शाहजहां और उसके साथियों द्वारा की गई बर्बरता को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने भी निशाना साधा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में पत्रकारों के साथ किए गए दुर्व्यवहार को लेकर ममता बनर्जी की आलोचना की और कहा कि संदेशखाली में जो हुआ है वो ही ममता बनर्जी के पतन का कारण बनेगा।

एनएचआरसी ने लिया स्वत: संज्ञान

वहीं संदेशखाली की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी स्वत: संज्ञान ले लिया है। बुधवार को आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि मावाधिकार आयोग का एक विशेष दल संदेशखाली पीड़ितों से मिलने के लिए जाएगा। ये टीम संदेशखाली में मानवाधिकारों के हनन की जांच करेगी। इसके साथ ही आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी को भी नोटिस जारी कर पूछा है कि अब तक संदेशखाली में हुई हिंसा के मामले में क्या एक्शन लिया गया और अपराधियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की गई है। आयोग ने चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

पीड़िता महिलाओं ने राज्यपाल के बांधी थी राखी

राज्यपाल सीवी आनंद बोस बीते दिनों संदेशखाली के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने पीड़ित महिलाओं ने मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना। साथ ही कुछ महिलाओं ने राज्यपाल को राखी भी बांधी थी। वहीं, राज्यपाल ने अब अपनी कलाई पर राखी बांधने वाली संदेशखाली की पीड़िता महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी रक्षा करने का वादा किया है। इसके बाद राज्यपाल में महिलाओं की स्थिति को देखकर राजभवन सीमा के अंदर बने शांति होम्स का उद्घाटन करने का फैसला किया, जहां पीड़ितों के लिए आवास और मुफ्त भोजन दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने पीड़िताओं से वादा किया कि वह नियमित रूप से सभी के संपर्क में रहेंगे और वह पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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क्या है संदेशखाली विवाद

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित गांव संदेशखाली इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन का गवाह बन रहा है। दरअसल गांव की महिलाओं ने बीते दिनों आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण के भी आरोप लगाए थे। इसे लेकर संदेशखाली में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ता भी संदेशखाली में प्रदर्शन कर रहे हैं। शाहजहां शेख राशन घोटाले में आरोपी है और बीते दिनों ईडी टीम पर हुए हमले में भी शाहजहां शेख आरोपी है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। (एएमएपी)