उत्तराखंड के हलद्वानी में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है। अब्दुल मलिक पिछले काफी दिनों से फरार बताया जा रहा था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी। पुलिस की ये तलाश दिल्ली में आकर खत्म हुई और उसे तुरंत पकड़ लिया गया। बताया जा रहा है कि हल्द्वानी में हिंसा भड़काने के बाद वह दिल्ली में आकर छिपा बैठा था। उसके वकील ने अग्रिम जमानत याचिका भी दायर कर दी है। वकील ने कहा कि उन्हें पता चला है कि उनके मुवक्किल को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि इस हिंसा से उनका कोई लेना देना नहीं है।

बता दें, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध रूप से बने मदरसे को ध्वस्त करने को लेकर हिंसा भड़क गई थी। स्थानीय निवासियों ने इस कदम का विरोध किया था, बाद में ये विरोध हिंसा में बदल गया। ये हिंसा 8  फरवीर को हुई थी जिसमें अब्दुल मलिक को मामले का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था। जिस जगह प्रशासन अतिक्रमण तोड़ने गया था वो अब्दुल मलिक के कब्जे में ही थी। इस दौरान जो हिंसा हुई थी उसमें करीब 2.44 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। इस हिंसा की भरपाई के लिए अब्दुल मलिक को नोटिस भी भेजा गया था।

बताया जा रहा है कि इसी याचिका को देखने के बाद उत्तराखंड पुलिस उस पते पर पहुंची और यहां से अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे उत्तराखंड ले जा रही है।
अब्दुल मलिक के वकीलों का कहना है कि घटना के वक्त आरोपी मौके पर मौजूद ही नहीं था। उनका कहना है कि जिस दिन यह घटना हुई, उससे दो दिन पहले ही वो बाहर चला गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद अब आगे भी कानूनी कदम उठाएंगे। बता दें, पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मामले में गुरुवार को ही अब्दुल मलिक और उसकी पत्नी सहित छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करने और आपराधिक साजिश रचने का एक नया मामला दर्ज किया गय था।

भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज

नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया था कि मलिक और उसकी पत्नी साफिया उन छह लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और अवैध रूप से प्लॉट काटने, निर्माण और जमीन के हस्तांतरण के लिए धोखाधड़ी से मृत व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया गया है। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 417 (धोखाधड़ी) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने जारी किया था लुकआउट नोटिस

मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोइद के खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था और उन्हें वांटेड घोषित किया था। पुलिस पिछले काफी दिनों से उसकी तलाश में जुटी थी।

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गुरुवार को, नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि अब्दुल मलिक और उनकी पत्नी साफिया उन छह लोगों में शामिल हैं, जिन पर आपराधिक साजिश रचने और अवैध प्लॉटिंग, निर्माण और भूमि के हस्तांतरण के लिए मृत व्यक्ति के नाम का धोखाधड़ी से इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया गया है।

27 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई

उधर अब्दुल मलिक के वकील ने नैनीताल के सेशन कोर्ट में मलिक की अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई 27 फरवरी को होगी। (एएमएपी)