#WATCH | Delhi: On joining BJP, former BSP MP Ritesh Pandey says, “…I had been working for BSP for the last 15 years, I don’t want to comment on thinking and activities of her (Mayawati). I have written in detail about this in my resignation letter. Whatever is happening in my… pic.twitter.com/PUZ13QNJZW
— ANI (@ANI) February 25, 2024
बसपा पर लगाया उपेक्षा का आरोप
बसपा अध्यक्ष मायावती को भेजे इस्तीफे में रितेश पांडेय ने कहा, मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारी से संपर्क के लिए अनगिनत प्रयास किए लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। इस अंतराल में मैं अपने क्षेत्र में एवं पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा। क्षेत्र के कार्यों में जुटा रहा। ऐसे में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं रही। इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे समक्ष कोई विकल्प नहीं है।
मायावती का मार्गदर्शन के लिए जताया आभार
पांडेय ने मायावती को लिखे पत्र में कहा, बसपा के जरिए सार्वजनिक जीवन में जब से मैंने प्रवेश किया, आपका मार्गदर्शन मिला, पार्टी पदाधिकारी का सहयोग मिला तथा पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने मुझे हर कदम पर अंगुली पड़कर राजनीति एवं समाज की गलियों में चलना सिखाया। पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त किया। पार्टी ने मुझे लोकसभा में संसदीय दल के नेता के रूप में कार्य का अवसर भी दिया। इस विश्वास के लिए मैं आपके, पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों के प्रति हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं। लंबे समय से मुझे ना तो पार्टी की बैठक में बुलाया जा रहा था, ना ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है। पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है। मैं इस पत्र के माध्यम से बसपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं।
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मायावती ने क्या कहा ?
मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि बसपा राजनीतिक दल के साथ ही बाबासाहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है। इस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है। जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है। अब बसपा के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है। बसपा का पार्टी हित सर्वोपरि है। हालांकि मायावती ने अपने पोस्ट में रितेश पांडेय के नाम का कहीं भी जिक्र नहीं किया है।(एएमएपी)