झारखंड में सोमवार को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। गीता कोड़ा ने झारखंड भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा। गीता कोड़ा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं। गीता कोड़ा सिंहभूम से लोकसभा पहुंचने वाली पहली सांसद हैं। लोकसभा चुानव से पहले गीता कोड़ा का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।

गीता कोड़ा ने कहा- मेरा वहां दम घुटता था

भाजपा ज्वॉइन करने के बाद सांसद गीता कोड़ा ने कहा, “कांग्रेस पार्टी कहती है कि सबको साथ लेकर चलेंगे, लेकिन केवल अपने परिवार को साथ लेकर चलती है। जहां जनता का हित हो, वहीं रहना चाहिए। कांग्रेस में जनहित को नजरअंदाज किया जा रहा था तो मेरे लिए वहां रहना उचित नहीं था। मैंने कांग्रेस का त्याग किया और भाजपा में शामिल हुई। मैं यहां रहकर जनहित के काम करूंगी।” गीता कोड़ा ने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है। मेरा वहां दम घुटता था।

ऐसा रहा गीता कोड़ा का राजनीतिक कैरियर

गीता कोड़ा का जन्म 26 सितंबर 1983 में मेघहातु बुरु नाम के जिले में हुआ था। उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। 2009 में जब मधु कोड़ा को भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा तब गीता कोड़ा ने राजनीति में कदम रखा था।  उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी और तत्कालीन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को हराया था। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में लक्ष्मण गिलुवा ने गीता कोड़ा को हराया था। वहीं 2009 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में गीता कोड़ा ने 25 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। उस समय उन्होंने झारखंड की सबसे कम उम्र की विधायक होने का रिकॉर्ड भी उनके नाम किया था। गीता कोड़ा की उस समय उम्र 25 साल थी। साल 2018 में गीता कोड़ा कांग्रेस में शामिल हुईं थीं। (एएमएपी)