भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की है। जिसने अंतरिक्ष विज्ञान में अग्रणी कहे जाने वाले अमेरिका और रूस जैसे देशों को भी चौंकाया है। इसी क्रम में एक ओर उपलब्धि जुड़ने जा रही है। भारत अब गगनयान मिशन में जुटा है। यह देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। लेकिन दूसरी तरफ भारत की अंतरिक्ष में यह नई छलांग पाकिस्तान को दर्द दे रही है। पाकिस्तान की आवाम ने कभी चंद्रयान-2 मिशन के फेल होने का जश्न मनाया था। लेकिन चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद पाकिस्तानी अवाम अपने हुक्मरानों को कोसने लगी है। अब गगनयान मिशन की खबर से फिर पाकिस्तानी बौखला गए हैं।पाकिस्तान के पास भी अपनी स्पेस एजेंसी है, जिसका नाम सुपारको है। लेकिन अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसका कोई योगदान नहीं दिखता। पाकिस्तान में कई लोग हैं, जो भारत से स्पेस में प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं। ऐसे ही कुछ लोगों से पाकिस्तान की यूट्यूबर सना अमजद ने बात की। इनमें से एक शख्स ने कहा कि भारत कामयाब हो या न हो, लेकिन वह मेहनत कर रहा है। क्या पाकिस्तान ने उसकी एक फीसदी भी कोशिश की है?

पाकिस्तान से भारत 100 साल आगे

जावेद नाम के एक शख्स ने बातचीत में कहा, ‘स्पेस में जाने के कई फायदे हैं। हम इससे पैसा भी कमा सकते हैं। वहीं कामयाबी से पूरे देश को प्रेरणा मिलती है।’ जब पूछा गया कि क्या भारत को कामयाबी मिलेगी, तो उस शख्स ने कहा कि जरूरी नहीं कि कामयाबी मिले, अच्छी बात है कि वह मेहनत कर रहे हैं। भारत लोगों को स्पेस में भेज रहा है तो जाहिर है उन्होंने अपना होमवर्क किया होगा। बिलाल नाम के एक शख्स ने कहा, ‘हम इंडिया से बहुत पीछे हैं। आईटी और स्पेस टेक्नोलॉजी में भारत हमसे 100 साल आगे है।’

पीएम मोदी की तारीफ

बिलाल ने आगे कहा, ‘चार लोग जा रहे हैं। इसमें काफी पैसा लगेगा। अंतरिक्ष में जाने वालों की जिंदगी बेहद महत्वपूर्ण होगी, ऐसे में भारत ने पूरी गणना की होगी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मोदी साहब बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। हमारी सरकार को भी उसी तर्ज पर काम करना चाहिए।’ वहीं एक शख्स ने कहा हमारी सरकार को भी भारत से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। हमें उन्हें दुश्मन की तरह नहीं देखना चाहिए।

क्या है गगनयान मिशन?

गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। इस मिशन को 2024 के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। इसी साल मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन तीन दिवसीय है। मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन की तैयारियों की समीक्षा की और मिशन पर जाने वाले चार भारतीयों को सम्मानित किया। अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।

 

मिशन से क्या हासिल करेगा भारत?

गगनयान मिशन सफल होता है, तो भारत उन देशों की एक खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। वर्तमान में ऐसा मुकाम हासिल करने वाले देश केवल अमेरिका, रूस और चीन ही हैं।

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जानिए कब होगी लॉन्चिंग?

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक बयान में कहा था कि गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री 2025 में उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा था, ‘चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद इसरो गगनयान मिशन को संभव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना इस मिशन का बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। इसे संभव बनाने के लिए हमें बहुत सारी तकनीक विकसित करने की जरूरत है और हम इसे संभव बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में इसके लिए कई तकनीकों को नए सिरे से विकसित और सफल बनाया गया है। (एएमएपी)