पिछले 6 महीने में रोबोट ने की 200 सर्जरी

नोएडा के ‘फोर्टिस हॉस्पिटल’ ने एक गजब का कारनामा कर दिखाया है। ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट जो कि मेडिकल दुनिया में सबसे मुश्किल सर्जरी मानी जाती है। जिसमें जरा सी भी गलती कि गुंजाइश नहीं होती है। इस तरह कि सर्जरी को करने में वक्त भी बहुत लगता है साथ ही इसकी रिकवरी भी आसान नहीं होती लेकिन अब बदलते तकनीक ने इसे काफी आसान और सटीक कर दिया है। नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में बीते कई महीनों से कुछ ऐसा ही हो रहा है, जहां रोबोट ने सैकड़ों ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट के सकारात्मक परिणाम दिए हैं। आंकड़े के मुताबिक 6 महीने में रोबोट ने 200 सर्जरी कर चुके हैं। वहीं कुछ सर्जरी पहले की तरह भी की गई है। लेकिन राहत की बात यह है कि रोबोट वाली सर्जरी ज्यादा अच्छी है। 

हिप और घुटने का रिप्लेसमेंट हुआ काफी आसान

ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट करने में कारगर रोबोट ने अब हिप और घुटने के रिप्लेसमेंट को काफी आसान कर दिया है। इसको लेकर फोर्टिस नोएडा के डॉक्टरों की माने तो ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट का यह रोबोट पूरे उत्तर भारत का सबसे एडवांस रोबोट है ये बहुत कम समय में न सिर्फ ऑपरेशन कर देता है बल्कि रिकवरी भी बहुत तेजी से होती है क्योंकि ऑपरेशन रोबोट कर रहा होता है तो यह काफी सटीक है और इसमें कट भी कम लगता है। नए सॉफ्टवेयर और एआई के आने से अब सर्जरी काफी आसान हो गई है अब आप सोचेंगे भला रोबोट कैसे सर्जरी करता होगा? दरअसल इस रोबोट में एक आर्म है और इसके साथ सर्जन मिल कर ऑपरेशन करते है।

ऐसे होती है रोबोट सर्जरी

रोबोटिक ऑपरेशन थिएटर दिखने में सामान्य ओटी जैसा ही होता है, अगर बात मेको ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट रोबोट की बात करे तो यहां आपको 3 मशीन नजर आएंगी जिसमें सबसे पहले एक कंसोल है जो मरीज की बीमारी का इतिहास और उनके सीटी स्कैन की इमेज को फीड करता है, इसके बाद जो दूसरी मशीन है उसमे मॉनिटर होता है उसमे एक बार में सेंकड़ों तस्वीर बन जाती है। यह घुटने को बदलते वक्त तस्वीरे लेने का काम करता है।तीसरी मशीन वो होती है जिसपर टेक्नीशियन होते है साथ में सर्जन होते है इस मशीन से ही ऑपरेशन किया जाता है।

रोबोट का इस्तेमाल सटीक ऑपरेशन के लिए कारगर

डॉक्टर अतुल मिश्रा बताते हैं कि रोबोट आने से ऑपरेशन काफी आसान, सटीक और बेहतर हो गए हैं क्योंकि घुटने बदलते वक्त छोटी सी गलती भी बहुत बड़ी हो सकती है इसलिए रोबोट का इस्तेमाल सटीक ऑपरेशन के लिए कारगर है। इसमें गलतियों की गुंजाइश नहीं बचती है। बीते 6 महीने में 200 सर्जरी रोबोट के जरिए कि गई है वहीं कुछ सर्जरी सामान्य तरीके से भी की गई है लेकिन राहत भरी बात ये है कि रोबोट कि सर्जरी सामान्य ऑपरेशन से ज्यादा संतोषजनक रहा है।

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सर्जन के कमांड पर काम करता है रोबोट

रोबोट ने ऑपरेशन को आसान कर दिया है, इस तकनीक ने ऑपरेशन करने के तरीके को बदला है, लेकिन इसका मतलब ये नही है कि रोबोट अकेले ऑपरेशन करने में कारगर है, चाहे रोबोट एक्टिव हो या सेमी एक्टिव हो लेकिन रोबोट खुद ऑपरेशन नहीं कर सकते ये केवल सर्जन के कमांड पर काम करते है। इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि रोबोट के आने से डॉक्टर की भूमिका कम या बदल रही है। डॉक्टर के साथ मिलकर ही रोबोट ऑपरेशन कर सकते हैं। (एएमएपी)