इन्फोसिस के फाउंडर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति अब राज्यसभा में दिखाई देंगी। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को खुद इसकी जानकारी अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करके दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है।पीएम मोदी आगे लिखते हैं कि सुधा मूर्ति की राज्यसभा में मौजूदगी नारी शक्ति का सम्मान होगी। यह उदाहरण होगा कि महिलाओं ने कैसे भारत के भविष्य को तैयार करने में अपना योगदान दिया है।’ 73 वर्षीय सुधा मूर्ति पेशे से एक इंजीनियर हैं और लेखक भी हैं। उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। वह इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष के तौर पर भी काम कर रही हैं। यह फाउंडेशन सेवा कार्यों में योगदान देता है और बड़े पैमाने पर फंडिंग भी करता रहा है। सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में अपने मनोनयन पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं देश में नहीं हूं, लेकिम महिला दिवस पर मिले इस सम्मान के लिए आभारी हूं।

उल्लेखनीय है कि सुधा मूर्ति एक भारतीय शिक्षिका, लेखिका, समाजसेविका और इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष हैं। वह गेट्स फाउंडेशन की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल पहल की सदस्य भी हैं। मूर्ति ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की स्थापना की है। सुधा मूर्ति इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। उनकी बेटी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं।

सुधा मूर्ति देश की उन प्रतिष्ठित महिलाओं में से एक हैं, जिनका कारोबार में भी बड़ा योगदान रहा है। कई टीवी कार्यक्रमों में वह इंफोसिस की स्थापना की कहानी भी बता चुकी है। उन्होंने बताया था कि कैसे उन्होंने 10 हजार रुपये की रकम अपने पति नारायणमूर्ति को उधार दी थी और उसी से इंफोसिस की स्थापना की गई थी। सुधा मूर्ति और नारायणमूर्ति के दो बच्चे हैं। बता दें कि उनकी बेटी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की पत्नी हैं। कुछ महीने पहले ही दोनों ने जी-20 समिट के दौरान भारत का दौर किया था और अक्षरधाम मंदिर भी गए थे।(एएमएपी)